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¨रगबांध की सुरक्षा में लगा एप्रन धंसा, संकट

दोहरीघाट (मऊ) : घाघरा की बाढ़ से सुरक्षा के लिए बने ¨रगबांध में लगे एप्रन के धंसने से बांध पर खतरा ब

By Edited By: Published: Mon, 03 Aug 2015 07:20 PM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2015 07:20 PM (IST)
¨रगबांध की सुरक्षा में लगा एप्रन धंसा, संकट

दोहरीघाट (मऊ) : घाघरा की बाढ़ से सुरक्षा के लिए बने ¨रगबांध में लगे एप्रन के धंसने से बांध पर खतरा बढ़ गया है। इसमें सिंचाई विभाग द्वारा ¨रगबांध की सुरक्षा में कराए गए कार्य की पोल खुल गई है। जिलाधिकारी ने पांच मई को कार्यस्थल का दौरा कर स्थलीय निरीक्षण में आवश्यक निर्देश दिए थे। आनन-फानन में ¨सचाई विभाग द्वारा बांध से थोड़ी दूर ड्रेजर के सहारे बालू निकालकर नदी को और गहरा कर दिया गया।

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नदी का जलस्तर बढ़ने से सुरक्षा को बनाए गए एप्रन धंसने लगे, जो ¨सचाई विभाग द्वारा बाढ़ व कटान को रोकने के किए गए उपाय की कलई खोल रहे हैं। ¨रगबांध की सुरक्षा में लगाए गए एप्रन के धंसने का क्रम जारी है। इसमें ¨रग बांध की सुरक्षा में कराए गए कार्य की पोल खुल रही है। पिछले महीने ही दैनिक जागरण ने आशंका व्यक्त की थी कि बालू की बोरी से ¨रगबांध को बचा पाना मुश्किल है।

जिलाधिकारी ने पांच मई को कार्यस्थल का दौरा किया था। ¨सचाई विभाग को आवश्यक निर्देश थे कि किसी भी दशा में बांध की सुरक्षा की जाए। ¨सचाई विभाग ने भी बांध की सुरक्षा को लेकर कार्य कराना शुरू किया, परंतु बांध के बगल से ही बालू निकालकर नदी को और गहरा कर दिया गया। घाघरा का जलस्तर बढ़ने से बालू भरी बोरियां धंसने लगीं, क्योंकि जो प्रोजेक्ट बना उसमें मानक के अनुरूप कार्य नहीं कराया गया।

¨रगबांध के बचाव के लिए 11 करोड़ 77 लाख रुपये शासन ने मंजूर किए। इससे एप्रन नदी के अंदर 15 मीटर घुसकर बनना था, परंतु ऐसा नहीं हुआ, बल्कि एप्रन बनाने के लिए पांच से 10 मीटर तक कार्य किया गया, जहां 15 मीटर अंदर से बनाकर डाली बैग डालना था। इसके बाद पी¨चग जीयो सीट से करनी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे एप्रन का धंसना जारी है। एप्रन का इस प्रकार धंसने से ¨रग बांध पर संकट खड़ा हो गया है।

डीहबाबा के समीप टकरा रही लहरें

कस्बा के डीहबाबा के समीप घाघरा की लहरें टकरा रही हैं। इससे खतरा बढ़ गया है। डीहस्थान पर अगर घाघरा काटी तो शाही मस्जिद के दक्षिण बड़ी पोखरी में घाघरा का पानी गया तो दोहरीघाट के अधिकांश मुहल्लों में पानी घुस जाएगा। घाघरा का उफान जारी है फिर भी लहरें कटान कर रही हैं। लहरों को रोकने का कोई स्थाई इंतजाम नहीं होने से लोगों में दहशत बनी हुई है।


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