चिउटीडांड के समीप घाघरा का दबाव बढ़ा
दोहरीघाट (मऊ) : चिउटीडांड ¨रगबांध पर शून्य से 100 मीटर के अंतर्गत बांध बचाव के लिए लगाई गई बालू की ब
दोहरीघाट (मऊ) : चिउटीडांड ¨रगबांध पर शून्य से 100 मीटर के अंतर्गत बांध बचाव के लिए लगाई गई बालू की बोरी 50 मीटर लंबाई, चार मीटर चौड़ाई एवं डेढ़ मीटर गहरई में धंस गई है। घाघरा का घटाव जारी है। इसके चलते ¨रगबांध के नोज के दक्षिण नदी नीचे से होल बना रही थी तथा ¨रगबांध को बचाने के लिए ¨सचाई विभाग द्वारा प्रोजेक्ट के अनुसार कराए गए कार्य को घाघरा की धारा क्षतिग्रस्त कर दी।
समाचार पत्र में पहले भी आशंका किया गया था कि घाघरा ¨रगबांध को जरूर क्षतिग्रस्त करेगी क्योंकि बांध से मात्र 50 मीटर दूरी से नदी के अंदर से ड्रेजर के सहारे बालू निकाल कर बोरी में भरकर पुन: नदी तट पर स्पर बनाया जाता था। जब बांध के समीप नदी गहरी रहेगी तो बाढ़ के समय ¨रग बांध को नुकसान पहुंचा सकती है। धंसी हुई बोरी के ऊपर पुन: बालू की बोरी डाली जा रही है। ¨सचाई विभाग समाचार प्रकाशित होने के बाद चौकन्ना हो गया है।
50 मीटर की लंबाई में मजदूर काम कर रहे हैं लेकिन ¨रग बांध पर खतरा बरकरार है। घाघरा का जलस्तर अवराडांड में 69.68 मीटर पर घटकर चला गया है। गौरीशंकर घाट पर 68.58 मीटर आ गयी है नदी। घाघरा के जलस्तर में कमी के चलते रफ्तार तेज हो गयी है जिससे नागा बाबा कुटी के उत्तर कटान धीरे-धीरे हो रहा है। जलस्तर खतरा ¨बदु से काफी नीचे है लेकिन घाघरा ¨रगबांध के सामने दबाव बना चुकी है।
¨रग बांध से पांच मीटर पर घाघरा की धारा उफान मार रही है। मौके पर तैनात एई ईश्वरचंद त्रिपाठी ने बताया कि बाढ़ आ जाने के कारण प्रोजेक्ट के अनुसार कार्य पूरा नहीं हो पाया है। कार्य जो घाघरा के दबाव से प्रभावित हुआ है, उसे युद्धस्तर पर पुन: पूरा कराया जा रहा है। ¨रग बांध की सुरक्षा हेतु बना प्रोजेक्ट कामयाब है लेकिन घाघरा की भौगोलिक बैक रो¨लग के चलते बचाव कार्य पर कुछ दबाव जरूर है लेकिन किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए ¨सचाई विभाग तैयार है।
रात और दिन बंधा पर चौकसी बरती जा रही है। बाढ़ के बाद अधूरा कार्य भी पूरा होगा जिससे ¨रग बांध की सुरक्षा पुख्ता हो जायेगी।