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मझवारा बाजार में शोक की लहर

घोसी (मऊ) : घर से लेकर सड़क तक। जमीन से लेकर आसमान तक। पान की दुकान से लेकर किराना स्टोर तक बस एक ही

By Edited By: Published: Wed, 01 Jul 2015 08:48 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2015 08:48 PM (IST)
मझवारा बाजार में शोक की लहर

घोसी (मऊ) : घर से लेकर सड़क तक। जमीन से लेकर आसमान तक। पान की दुकान से लेकर किराना स्टोर तक बस एक ही चर्चा। चर्चा के दौरान आंखों से टपकती बेचारगी और चेहरे पर नुमाया गम। दर्द के सागर में शोक की लहर ऐसी कि मंगलवार को शोक में बंद रही दुकानें खुली अवश्य पर रौनक नदारद रहीं।

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बुधवार को दूसरे दिन भी कोतवाली के मझवारा बाजार में यही मंजर रहा। और हो भी न क्यों। यहां के व्यवसायी कृष्णा जायसवाल के कुनबे का नामोनिशान ही जो मिट गया। कोई दुआ और प्रयास काम न आया। हर कोशिश विफल रही और इस दुनिया से कृष्णा का समूचा वंश खत्म हो गया। वह भले ही यहां का निवासी नहीं था, पर गत एक दशक से यहीं पर सपरिवार रहकर साड़ी की दुकान चलाता था।

रसार्क गैस का रिसाव काल बना और गृहस्वामी कृष्णा सहित तीन मासूमों ने दम तोड़ दिया। पत्नी शकुंतला ने दोपहर में ही पति का साथ निभाते हुए दुनिया से विदा ले लिया। संतान के नाम पर बची पुत्री मोहिनी एवं कृष्णा के साले संतोष निवासी मधुबन की पुत्री मुस्कान भी शाम को चल बसी। इस दर्दनाक घटना का शिकार एकमात्र कृष्णा की साली अंकिता ही बची है जो वाराणसी में मौत से लड़ रही है। ग्राहक से लेकर दुकानदार तक बस सोमवार की रात घटित हृदयविदारक घटना की चर्चा करते रहे।

शोकाकुल रिश्तेदारों के नहीं फूट रहे बोल

घोसी (मऊ) : गैस रिसाव से हुए हादसे में मझवारा में मारे गए कृष्णा जायसवाल का सगा अपना बस एक छोटा भाई बचा है जिसे दुनियादारी से मतलब नहीं। वह मझवारा बाजार में मंदिर पर ही रहता है। उसके रिश्तेदार ही अब बचे हैं जिनकी आंखों से आंसू थम नहीं रहे। मुंह से बोल नहीं फूट रहे।

बुधवार को मझवारा में गोपाल गुप्ता के आवास पर मृतक कृष्णा की सास शांति देवी, सलहज साधना एवं मृतका शकुंतला की बहन आरती जायसवाल सहित कृष्णा के मित्र अजीत जायसवाल निवासी बरहज को बच्चों का शव आने का इंतजार रहा। कृष्णा के साले संतोष जायसवाल वाराणसी से इन मृत बच्चियों का शव देर रात लेकर पहुंचे।

अन्य किराएदारों ने भी छोड़ा मकान

घोसी (मऊ) : मझवारा बाजार अंतर्गत मधुबन मार्ग पर जिस मकान में कृष्णा जायसवाल रहता था, बुधवार को पूर्णतया खाली हो गया। इस घटना के गवाह रहे किराएदारों सहित अन्य दुकानदारों ने भी मकान छोड़ दिया। इस दो मंजिला मकान में अब बस कृष्णा की ही दुकान है जिस पर ताला लगा है। पूर्व प्रधान सुभाष प्रजापति ने इस दर्दनाक हादसे से उबरने के बाद कृष्णा के रिश्तेदारों को दुकान की चाबी सौंपे जाने की बात कही है।

मदद को आगे आ रहा व्यापार मंडल

घोसी (मऊ) : कहने को मझवारा बाजार बहुत छोटा है पर यहां के व्यवसायियों का दिल वाकई बहुत बड़ा है। मानवीय संवेदना कूट-कूट कर भरी है। मंगलवार को व्यवसायी वर्ग ने चंदा के रूप में 36330 रुपये एकत्रित कर अंतिम संस्कार किया। बुधवार को व्यापार मंडल मऊ के अध्यक्ष रामगोपाल गुप्ता ने पांच हजार की राशि दी तो स्थानीय दुकानदारों ने भी बिना मांगे गोपाल को 2225 रुपये दिया।

श्री गुप्त ने अब तक प्राप्त चंदा में से अभी लगभग 29 हजार की राशि शेष होने की जानकारी दी। उक्त राशि पूर्व प्रधान सुभाष प्रजापति को सौंपते हुए उन्होंने दो बच्चों के अंतिम संस्कार एवं वाराणसी में अंकिता के उपचार हेतु व्यय किए जाने की बात कही।

जागरुकता अभियान चलाएं कंपनियां

घोसी (मऊ) : गैस रिसाव से आए दिन हादसे हो रहे हैं। गैस कंपनियां उपभोक्ताओं को सुरक्षा के आवश्यक उपाय बताने की बस औपचारिकता निभाती हैं। ऐसे हादसों पर रोक के लिए अभियान चलाना आवश्यक है। यह कहना है निर्भया सेना के संस्थापक सतीश मिश्र बाबा का। उन्होंने गैस कंपनियों एवं आपूर्ति विभाग से जागरूकता अभियान चलाने की अपेक्षा की है। कहा कि अभियान ऐसा हो कि हर गृहिणी इससे वाकिफ हो जाए।

उन्होंने उपभोक्ताओं को दुर्घटना बीमा की भी जानकारी दिए जाने की बात कही है। कहा कि फिर किसी कृष्णा जायसवाल का परिवार ऐसे हादसे का शिकार न हो, इसके लिए स्वयंसेवी संस्थाएं भी आगे आएं।


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