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अधेड़ को पीट-पीट कर मार डाला

बोझी (मऊ) : घोसी कोतवाली क्षेत्र के भैरोपुर ग्रामसभा के परानपुर गांव में बुधवार की सुबह लगभग पौने दस

By Edited By: Published: Wed, 01 Jul 2015 07:27 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2015 07:27 PM (IST)

बोझी (मऊ) : घोसी कोतवाली क्षेत्र के भैरोपुर ग्रामसभा के परानपुर गांव में बुधवार की सुबह लगभग पौने दस बजे एक अधेड़ को पड़ोसी परिवार ने लाठी-डंडे और लात-घूसों से पीट-पीट कर मौत के घात उतार दिया। अधेड़ की मौत के बाद आरोपी परिवार घर में ताला बंद कर वहां से फरार हो गया। घटना की सूचना पाते ही पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले लिया। मामले की जांच कर रही पुलिस दो महिलाओं को हिरासत में लेकर घटना के बाबत पूछताछ कर रही है।

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भैरोपुर ग्रामसभा के परानपुर गांव कमलेश यादव (50) व उमाकांत यादव के बीच चकरोड का विवाद लगभग दो साल से चला आ रहा है। उक्त विवाद में राजस्व विभाग द्वारा कई बार चकरोड की पैमाइश भी कराई गई थी लेकिन मामला हल नहीं हुआ। इसके बाद चकरोड को लेकर कमलेश और उमाकांत में भी कई बार मारपीट हुई और थाने में तहरीर दी गई लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया।

बुधवार की सुबह कमलेश अकेले सुबह पौने दस बजे कहीं जा रहा था तभी उमाकांत उसे रोक कर उलझ गया। मामला बढ़ा तो उमाकांत व उसका पुत्र मनीष मिलकर कमलेश को मारने-पीटने लगे। तभी कमलेश को मारता देख उमाकांत के परिजन भी लाठी-डंडा लेकर पहुंचे और उसे लाठी-डंडा, लात-घूसों से उसकी पिटाई शुरू कर दी। वे लोग कमलेश को तब तक मारते रहे जब तक उसकी मौत न हो गई।

कमलेश की मौत के बाद परिजन घर छोड़कर फरार हो गए। घटना की जानकारी होते ही घोसी सीओ डा. अजय कुमार ¨सह, कोतवाल राकेश कुमार जायसवाल, दोहरीघाट थानाध्यक्ष, अमिला चौकी प्रभारी व बोझी चौकी प्रभारी अपने हमराहियों के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया और घटना की जांच में जुट गई।

कमलेश का नहीं है कोई परिजन

कमलेश के आगे-पीछे रोने वाला कोई नहीं है। इसी करण पड़ोसियों ने आसानी उसे पीट-पीट कर मौत के घात उतार दिया। मृतक की सिर्फ एक पुत्री है जिसकी उन्होंने शादी कर दी थी। पिता की मौत की खबर सुनकर वह अपने ससुराल से यहां पहुंची।

चेता होता राजस्व विभाग तो नहीं होती हत्या

कई बार राजस्व विभाग द्वारा चकरोड की पैमाइश करने के बाद भी मामला जस का तस था। उक्त विवाद को लेकर कई बार मारपीट के बाद भी पुलिस ने उसे गंभीरता से नहीं लिया। अगर राजस्व विभाग उसी समय मामले को हल करा देती और पुलिस इस विवाद को गंभीरता से लेकर कोई कार्रवाई की होती तो आज कमलेश की हत्या नहीं हुई होती।


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