गेहूं खरीद में आड़े आएगा मानक का पेंच
घोसी (मऊ) : जिले में शासकीय क्रय केंद्र पर धान बेचने को दर-दर भटक रहे किसानों की गेहूं बेचने की राह
घोसी (मऊ) : जिले में शासकीय क्रय केंद्र पर धान बेचने को दर-दर भटक रहे किसानों की गेहूं बेचने की राह भी आसान प्रतीत नहीं हो रही। धान की तर्ज पर ही गेहूं खरीद में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) का मानक आड़े आएगा। हालांकि एफसीआई ने पश्चिमी प्रांतों में मानक को शिथिल किया है, जिला प्रशासन ने वस्तु स्थिति से अवगत कराया है पर अभी तक एफसीआई के आदेश का इंतजार है।
जिले में इस वर्ष 19,500 मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य की पूर्ति हेतु कुल 40 केंद्र भी स्थापित हैं। इस बार विपणन विभाग ने नौ की बजाय महज सात केंद्र तो पीसीएफ एवं सहकारिता क्षेत्र के 29 क्रय केंद्र खोले गए हैं। एग्रो एवं एफसीआई ने दो-दो केंद्र स्थापित किया है। इन केंद्रों से सकल क्रय गेहूं की मात्रा अभी एक सौ कुंतल ही पहुंच सकी है। उधर हाल यह कि जिले में गेहूं की बोआई से लेकर कटाई तक मौसम प्रतिकूल रहा है। फसल गिर जाने और झुक जाने से दाने की चमक और गुणवत्ता प्रभावित हुई है। रेंड़ा के दौरान बारिश और ओले के बीच तेज हवा और पकने के समय भी बारिश ने दानों को प तला कर दिया है। एफसीआई ने सिकुड़े पतला दाना के बाबत मानक निर्धारित किया है। इस मानक पर तमाम किसानों का उत्पाद खरा नहीं उतरेगा। जाहिर है कि ऐसे में गेहूं की खरीद प्रभावित होगी। उधर अपेक्षा के अनुसार उत्पादन न होने से सिसकते किसानों के लिए यह मानक बिजली के झटके से कम नहीं होगा। पंजाब एवं हरियाना में एफसीआई ने मानक में ढील दी है। ऐसे में संभावना है कि प्रदेश के किसानों को तनिक राहत मिल सकती है। सर्वाधिक ¨चता इस बात की यदि शासकीय केंद्रों पर गेहूं बेचने में किसान विफल रहा तो उत्पादन में लाख कमी के बावजूद खुले बाजार में गेहूं की कीमत इतनी कम होगी कि लागत भी शायद ही निकल सके। धान की खरीद न होने के चलते उत्पन्न ऐसी स्थिति का सामना किसान कर चुके हैं। धान का उत्पादन बेहद कम होने के बावजूद खुले बाजार में धान क्रय करने वाले खोजे नहीं मिले।
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यहीं खरीद एवं वितरण का प्रयास
घोसी (मऊ) : जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी नरेंद्र तिवारी ने किसानों को आश्वस्त किया है। कहा कि हाल ही में एफसीआई की टीम ने जिले से नमूना एकत्रित किया है ताकि मानक शिथिल हो सके। इससे इतर उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से इस बार अलग व्यवस्था हेतु शासन को पत्र लिखे जाने की बात कही है। कहा कि जिले के किसानों से क्रय गेहूं का यहीं पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत आवंटन का प्रयास किया जा रहा है।