काश ऐसे ही कायम रहता कानून का खौफ
सूरजपुर (मऊ) : प्रदेश की राजधानी में अवैध शराब से हुई मौतों के बाद जागे जिला प्रशासन ने सख्त रूप
सूरजपुर (मऊ) : प्रदेश की राजधानी में अवैध शराब से हुई मौतों के बाद जागे जिला प्रशासन ने सख्त रूप अख्तियार किया तो कारोबारियों में हड़कंप मचा वे धंधा बंद करने को विवश हुए। कानून का खौफ ऐसा कि खुलेआम दबंगई के बल पर कारोबार करने वाले वर्दीधारियों की हनक के चलते अंडरग्रांउड हो गए। अब बुद्धजीवी वर्ग का कहना है। की काश ऐसे ही कानून का खौफ कायम रहता तो जगह-जगह अवैध शराब के कारोबारियों व पिक्कड़ो का जमघट नहीं लगता।
गौरतलब है कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ व उन्नाव में जहरीली शराब के सेवन से पिछले सप्ताह 33 लोगों ने दम तोड़ा था। सैकड़ों लोग गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराए गए थे। सारे मामले को देख प्रदेश सरकार ने तल्ख तेवर दिखाया तो प्रशासन की नींद टूटी। एक साथ सारे जनपदों में अवैध शराब के कारोबार को बंद कराने के लिए अभियान चलाया गया। जनपद का देवारांचल अवैध शराब के गोरखधंधे को लेकर सदैव सुर्खियों में रहा है। यहां भी पुलिस व आबकारी की टीम ने संयुक्त छापेमारी अभियान चलाकर माफियाओं की कमर तोड़ने की कोशिश की तो वहीं चट्टी-चौराहों व घनी आबादी के बीच बिकने वाली अवैध शराब पर रोक लगाकर बुद्धिजीवी वर्ग के लिय बड़ी राहत दी। इन लोगों का कहना है कि ऐसे ही कानून का खौफ कायम रहता तो कारोबारी अपना धंधा हमेशा के लिए बंद कर देते।
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कितना आसान होगा खौफ
अवैध शराब कारोबारियों को वर्दीधारी व सफेदपोश नेताओं का खुला संरक्षण होता है। इस बात को लोग हमेशा उठाते रहते हैं। दबिश भी आदेश आने के बाद ही दी जाती है। इसकी सूचना कारोबारियों को पहले से होती है ऐसे में लाख टके का यह सवाल भी उठता जायज है। कानून का खौफ लंबे समय तक अवैध कारोबारियों के लिए बना रहना कितना आसान होगा।