Move to Jagran APP

गुरु ही ब्रह्माज्ञान का माध्यम

घोसी (मऊ) : स्वामी अर्जुनानंद ने महज साधना एवं भक्ति कर ईश्वर की कृपा को ही प्राप्त करने का लक्ष्य ब

By Edited By: Published: Thu, 27 Nov 2014 07:38 PM (IST)Updated: Thu, 27 Nov 2014 07:38 PM (IST)
गुरु ही ब्रह्माज्ञान का माध्यम

घोसी (मऊ) : स्वामी अर्जुनानंद ने महज साधना एवं भक्ति कर ईश्वर की कृपा को ही प्राप्त करने का लक्ष्य बताया है। कहा कि परमात्मा की प्राप्ति के लिए और मानव जीवन को सार्थक बनाने हेतु प्रत्येक मनुष्य को ब्रह्माज्ञान प्राप्त करना चाहिए। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान दिल्ली से जुड़े इस संत ने इसके लिए सच्चे गुरु और संत का होना आवश्यक बताया। वह नगर के मझवारा मोड़ स्थित जूनियर हाईस्कूल परिसर में बुधवार की शाम प्रवचन कर रहे थे।

loksabha election banner

संस्थान के तत्वाधान में आयोजित पांच दिवसीय हरिकथा के चौथे दिन उन्होंने गुरु की महत्ता बताई। कहा कि आज मनुष्य ईश्वर की भक्ति कर रहा है। वह केवल परमात्मा करी तलाश करता है। पर शास्त्र एवं वेद कहते हैं कि परमात्मा तो हर मानव में व्याप्त है। पर इस काया में विद्यमान परमात्मा तक पहुंचने के लिए या उसका साक्षात्कार करने के लिए ब्रह्माज्ञान ही एक माध्यम है। इस ब्रह्माज्ञान को प्राप्त करने के लिए सच्चा गुरु और संत आवश्यक है। सद्गुरू मानव का भाग्य बदल देता है। सच्चा गुरु दिव्य चक्षु खोल ईश्वर का दर्शन करा सकता है। स्वामी युवधानंद, स्वामी ब्रह्मोशानंद एवं महात्मा शिव ने भी प्रवचन किया। संस्थान से जुड़े कलाकारों ने भजन प्रस्तुत कर वातावरण को भक्तिमय बनाया। डा. अनिल कुमार वर्मा, वासुदेव यादव, रामप्रताप सिंह, श्रीपत, मुन्ना एवं मंशू सिंह आयोजन में सक्रिय रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.