बनने के साथ ही दम तोड़ दे रही सड़कें
मधुबन (मऊ) : अजीब विडंबना है एक तो प्रदेश की सड़कें जल्दी बनती नहीं। उबड़-खाबड़ गड्ढा युक्त सड़कों पर या
मधुबन (मऊ) : अजीब विडंबना है एक तो प्रदेश की सड़कें जल्दी बनती नहीं। उबड़-खाबड़ गड्ढा युक्त सड़कों पर यात्रा करते लोग थक जाते हैं मगर लोगों की फरियाद सुनते-सुनते सरकार और जनप्रतिनिधि नहीं थकती उस पर सितम ये की जो सड़कें बनी भी हैं वह समय से पहले दम तोड़ दे रही हैं। स्थानीय तहसील क्षेत्र के सड़कों का ही हाल ले लीजिए। बेल्थरा-मधुबन मार्ग पिछले दो साल से निर्माण की बाट जोह रहा है। एक समय प्रदेश की चुनिंदा सड़कों में शुमार मधुबन-अदरी शहीद मार्ग की वर्तमान दशा किसी से छुपी नहीं है। तीन वर्ष पहले निर्मित दुबारी-परसिया मार्ग की हालत यह है कि सड़क में गढ्डे हैं या गड्ढों में सड़क, कहना कठिन है। हालांकि यह सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनी थी और लोगों के बीच एक आम धारणा यह है कि इस योजना के तहत बनी सड़कें अच्छी हालत में होती हैं। इसके पांच साल तक चलने का दावा भी किया जाता है मगर पांच साल कौन पूछे यहां तो तीन साल में ही उखड़कर कबाड़ा हो गई। सड़क की यह हालत कि अब इस पर चलना मुश्किल है। स्थानीय बनारसी यादव, कल्लन चौहान, सुभाष गोड़, रामवृक्ष यादव, राकेश कुमार, पिंटू गुप्ता की मानें तो इनका भरोसा डगमगा चुका है। निर्माण के समय गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जाता। भ्रष्टाचार चरम पर है और दुबारी-परसिया 13 किमी लंबी पीएमजीएसवाई की ही देन है। हालत यह है कि शायद ही कोई दिन ऐसा बीतता हो जब इस मार्ग पर कोई दुर्घटना न होता हो लेकिन सब कुछ देखते सुनते भी हमारे सियासी हुक्मरानों के माथे पर बल तक नहीं पड़ता।