देखते-देखते पगडंडी बन गई सड़क
घोसी (मऊ) : कोपागंज बाजार होते हुए सहरोज तक जाने वाला मार्ग जुलाई 2008 में बाढ़ में क्या बहा, लोकनिर
घोसी (मऊ) : कोपागंज बाजार होते हुए सहरोज तक जाने वाला मार्ग जुलाई 2008 में बाढ़ में क्या बहा, लोकनिर्माण विभाग ने इसे अपने फाइलों से भी बाहर कर दिया। कभी पिच रहा यह मार्ग अब उपेक्षा का शिकार है। इस वर्ष 05 जून को तत्कालीन जिलाधिकारी कुमुदलता श्रीवास्तव ने त्वरित आर्थिक विकास योजना के तहत इस सड़क की मरम्मत के बाबत प्रमुख सचिव नियोजन को पत्र लिखा पर अभी तक धन आवंटन की प्रक्रिया अधूरी है।
दरअसल डांड़ी-मतलूपुर बाईपास मार्ग के अस्तित्व में आने के पूर्व से ही सहरोज क्षेत्र के नागरिक कोपागंज एवं अन्य क्षेत्रों की यात्रा हेतु इस मार्ग का प्रयोग करते थे। बाईपास बनने के बाद भी इस मार्ग की महत्ता कम न हुई। कारण यह कि इस मार्ग से सहरोज से कोपागंज दूरी महज 3.3 किमी है जबकि डांड़ी होते हुए कोपागंज 8.5 किमी दूर है। बहरहाल वर्ष 08 में बाढ़ के चलते यह मार्ग बीच में टूटा तो कुछ भाग बाढ़ में बह भी गया। विभाग ने इस स्थान पर मिट्टी डाल मरम्मत किया पर पिच न बन सकी। हालांकि ग्रामवासी एवं लोकदल के प्रांतीय मंत्री देवप्रकाश राय ने इसकी मरम्मत हेतु तहसील दिवस में मामला दर्जन बार उठाया। 12 दिंसबर 12 को उन्होंने जनता दरबार में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समक्ष भी मामला उठाया। इस लंबी कवायद के बावजूद अभी तक सड़क उपेक्षित है। हाल यह कि सड़क कहीं अूटी है तो कहीं खड़ंजा। कहीं पगडंडी है तो कहीं कभी पिच होने के साक्ष्य दिखते हैं।
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अब तो बने सड़क : देवप्रकाश राय
लोकदल नेता देवप्रकाश राय कहते हैं कि मुख्यमंत्री ने तत्कालीन डीएम के माध्यम से पत्र प्रेषित किया। इस पर कार्रवाई करते हुए डीएम ने प्राक्कलन सहित नियोजन विभाग को पत्रावली प्रेषित किया। इस कवायद के बीच सच यह कि नागरिकों को साढ़े पांच किमी अधिक दूरी तय करनी पड़ती है। ऐसे में लोक निर्माण विभाग एवं प्रशासन अब तो यह सड़क बनवाए।
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धन आवंटन का इंतजार : विभाग
लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता आरडी प्रियदर्शी कहते हैं कि प्रस्ताव प्रेषित है। धन का इंतजार है। धन का आवंटन होते ही सड़क की तस्वीर बदली जाएगी।