Move to Jagran APP

घपले ने लगाया अरमानों पर ग्रहण

बोझी (मऊ) : क्षेत्र के मादी सिपाह बाजार में संयुत ग्रामीण बैंक की शाखा में हुए घपले ने कई खाताधारकों

By Edited By: Published: Sun, 23 Nov 2014 05:27 PM (IST)Updated: Sun, 23 Nov 2014 05:27 PM (IST)
घपले ने लगाया अरमानों पर ग्रहण

बोझी (मऊ) : क्षेत्र के मादी सिपाह बाजार में संयुत ग्रामीण बैंक की शाखा में हुए घपले ने कई खाताधारकों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। कई परिवारों में कन्याओं की शादी अधर में लटक गई हैं। रत्ती-रत्ती जोड़ कर बैंक में जमा किये गये धन की निकासी घपले के चलते प्रभावित हो गयी है।

loksabha election banner

काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक मुहम्मदाबाद सिपाह में हुआ घपला कई घरों में हो रही शादी की तैयारी के रंग को फीका कर दिया है। जहां मेंहदी के रंग को चटख करने तथा शादी की समुचित तैयारी के लिए लोग पाई-पाई इकट्ठा कर बैंक में रखे थे वहीं धनराशि घपले का शिकार होने से अब उनके सामने विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस परिस्थिति से कैसे निपटें, किसके हाथ पसारें, वे असमंजस में पड़ गए हैं। नए रिश्तेदारों को कैसे समझाएं कि वे किस प्रकार से बैंक घपले के शिकार हो गए हैं।

चक भगवानदास निवासी विधवा संतरा देवी, एक तरफ ईश्वर की नियति का शिकार होकर विधवा हो चुकी हैं। उन्होंने 01 दिसंबर को अपनी पुत्री की शादी की तिथि नियत की है। बैंक घपले में उसके खाते के शिकार होने के बाद अब किसके सहारे वह अपनी पुत्री को डोली में बैठाएंगी, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। बेटी की शादी की चिंता में उसका रोते-रोते बुरा हाल है। इसी तरह गुलाब के घर में चल रही शादी की तैयारियों को जैसे काठ मार गया है। उसका लाखों रुपया उसके खाते से गायब है। अवराडांड़ निवासी पेशे से मजदूर राजेंद्र के घर भी इसी दिसंबर में छेका व आगामी मार्च में शादी है परंतु उसका खाता भी खाली हो चुका है। रुखसार के घर भी बेटी की शादी का दिन रखा जाना था परंतु घपले का शिकार हो जाने से वह भी बाधित है। सिपाह निवासी बेवा शारदा भी पति के देहात के बाद बच्चों की शादी के लिए दो लाख से अधिक धनराशि रखी थी परंतु अब उसके खाते में अंशमात्र ही शेष रह गया है। बैंक में हुआ घपला कई घरों में चल रही शादी की तैयारी को अधर में लटका दिया है। आर्थिक विपन्नता का दर्द झेल रहे ये परिवार किसके पास जायं, अपना हाल किससे बयां करें। हालांकि बैंक द्वारा ऋण देकर इसका निदान सुझाया जा रहा है। परंतु कुछ परिवार ऐसे भी हैं जो बैंक की सभी औपचारिकताएं पूरी करने एवं ऋण लेकर चुका पाने की स्थिति में भी नहीं हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.