Move to Jagran APP

कार्तिक की भोर में दिखा आस्था का अंजोर

नदवासराय (मऊ) : ओस से भींगी कार्तिक की भोर का धुंधलका आस्था के अंजोर से छटा। मुंह अंधेरे ही नदियों,

By Edited By: Published: Thu, 30 Oct 2014 05:17 PM (IST)Updated: Thu, 30 Oct 2014 05:17 PM (IST)
कार्तिक की भोर में दिखा आस्था का अंजोर

नदवासराय (मऊ) : ओस से भींगी कार्तिक की भोर का धुंधलका आस्था के अंजोर से छटा। मुंह अंधेरे ही नदियों, पोखरों, तालाबों, जलाशयों के पाट छठ मइया की महिला बखानने वाले गीतों से गूंज उठे। जलाशयों में छठ मइया के हजारों भक्त पंक्तिबद्ध और भगवान भास्कर का इंतजार विनयवत और उतावले। नियम समय से सूर्यदेव ने बादलों का रोड़ा तोड़ा और कुहासों के बीच आसमान में उतर आई लालिमा ने उनके आने का संकेत दिया। इसे प्रभु की उपस्थिति मान कहीं देर न हो जाय तर्ज पर श्रद्धालु लोगों ने जलांजलि-दुग्धांजलि से अ‌र्घ्य दिया। छठ मइया का प्रसाद बांटा और खुद भी ग्रहण कर व्रतियों ने पारण किया।

loksabha election banner

गुरुवार की सुबह जल स्थानों पर दृश्य आम दिनों से अलग हटकर था। बुधवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्यदान के पूर्व भक्त यहीं तप में लीन थे तो तमाम रात बीतने के बाद तीसरे पहर से ही डाला उठाए जलाशयों की ओर चल पड़े। इससे घाट, सरोवरों की ओर जाने वाली हर राह पर कार्तिक की भींगी भोर छठ मइया के पावन गीतों से गूंज उठी। भगवान भास्कर की झलक पाते ही व्रतियों ने गीतों व मंत्रों के उच्चारण के बीच जल या दूध से अ‌र्घ्य दिया। व्रती महिलाओं ने कमर तक पानी में पैठकर भगवान सूर्य की प्रदक्षिणा की। बच्चों ने आतिशाबजी कर उल्लास के पर्व में उमंग के रंग घोले तथा डीजे पर थिरके।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.