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दीवाली से दूज तक, पटाखों की गूंज

मऊ : पंच दिवसीय ज्योति पर्व यम द्वितीया शनिवार को विविध धार्मिक आयोजनों के साथ संपन्न हो गया। प्रकाश

By Edited By: Published: Sat, 25 Oct 2014 06:17 PM (IST)Updated: Sat, 25 Oct 2014 06:17 PM (IST)
दीवाली से दूज तक, पटाखों की गूंज

मऊ : पंच दिवसीय ज्योति पर्व यम द्वितीया शनिवार को विविध धार्मिक आयोजनों के साथ संपन्न हो गया। प्रकाश से जगमग वातावरण में दीपावली से भैयादूज तक पटाखों की गूंज सुनाई देती रही। कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी से धनतेरस व धन्वंतरि जयंती के साथ आरंभ पांच दिनों की इस पर्व श्रृंखला में नरक चतुर्दशी (छोटी दीपावली), अमावस्या को दीपावली, शुक्ल प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा व अन्नकूट तथा द्वितीया को भैयादूज व श्री चित्रगुप्त पूजन में सनातन धर्मावलंबी संपूर्ण जनमानस जैसे उत्सवमय हो रच बस गया था।

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आरोग्य, धन-धान्य, सुख-समृद्धि, बुद्धि-कौशल, प्रकृति निष्ठा व मानवीय रिश्तों की माधुर्यता को क्रमानुसार सजाए पर्वो की यह श्रृंखलागत परंपरा भारतीय संस्कृति की संपूर्ण जीवन मर्यादा एवं मूल्य निष्ठा को प्रकट करता रहा। पर्वो का यह उल्लास मानव जीवन की आस्था, संवेगात्मक प्रवाह व आध्यात्मिक तरंगों के निनाद को पटाखों की अनुगूंज में कृत्रिम रूप से प्रस्फुटित होता रहा। त्रयोदशी से द्वितीया तक हर्ष, निनाद की यह कल्लोल वाहिनी आतिशबाजियों की रंगीनियों से लेकर प्रकाश व ध्वनियुक्त पटाखों के माध्यम से अनवरत प्रवाहित होती रही। शनिवार को इस पर विराम लग गया और आस्थावान भारतीय जनमानस फिर चराचर जगत के प्रत्यक्ष देव भगवान भास्कर की अर्चना के महापर्व डाला षष्ठी की तैयारियों में जुट गया।


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