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कलम-दवात संग पूजे गए भगवान चित्रगुप्त

मऊ : संपूर्ण चराचर सृष्टि में समस्त बौद्धिक कार्यो के आदि प्रणेता, प्राणियों के शुभाशुभ कर्मो की गणन

By Edited By: Published: Sat, 25 Oct 2014 06:09 PM (IST)Updated: Sat, 25 Oct 2014 06:09 PM (IST)
कलम-दवात संग पूजे गए भगवान चित्रगुप्त

मऊ : संपूर्ण चराचर सृष्टि में समस्त बौद्धिक कार्यो के आदि प्रणेता, प्राणियों के शुभाशुभ कर्मो की गणना करने वाले आदि कायस्थ भगवान चित्रगुप्त की जयंती शनिवार को मनायी गई। चित्रांश समाज उनके समक्ष नतमस्तक हुआ, विधि-विधान पूर्वक उनका षोडशोपचार पूजन-अर्चन किया गया। इसके साथ ही कायस्थों ने अपनी आजीविका के साधन कलम-दवात के प्रति भी निष्ठा एवं कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए उसके प्रति शीश झुकाया।

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बैकुंठ लोक में समस्त प्राणियों के शुभाशुभ कर्मो के अनुसार उनके कर्मफल का निर्धारण करने वाले भगवान चित्रगुप्त कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया को प्रजापिता ब्रह्मा की 11 हजार वर्षो की अखंड तपस्या के फलस्वरूप लेखनी और मसिपात्र (दवात) लेकर उनकी काया से उत्पन्न हुए थे। इसी दिन पृथ्वी पर उनके वंशज कायस्थ समुदाय के लोग उनकी जयंती मनाते हैं। विधि पूर्वक उनका षोडशोपचार पूजन करते हैं। इसी के साथ ही वे अपनी आजीविका के प्रमुख साधन कलम व दवात की भी पूजा करते हैं। नगर में सहादतपुरा स्थित भगवान चित्रगुप्त मंदिर में कायस्थ समाज ने सामूहिक पूजनोत्सव का आयोजन किया। इसमें शहर निवासी दर्जनों कायस्थ परिवारों ने आस्था, श्रद्धा व उत्साह के साथ भाग लिया। जनपद के चिरैयाकोट, काझा, खीरिया, करहां, पलिया, घोसी, मुहम्मदाबाद गोहना, मधुबन, पलिगढ़ आदि प्रत्येक क्षेत्रों के कस्बों व गांवों में रहने वाले चित्रांश समाज के लोगों ने अपने आदि कुलदेव को नमन करते हुए कलम दवात की पूजा की। रतनपुरा बाजार स्थित श्री चित्रगुप्त मंदिर में कायस्थ समाज ने अपने कुलदेवता भगवान चित्रगुप्त की पूजा अर्चना की। उक्त क्षेत्र के पीपरसाथ, खालिसपुर, बड़ेगांव, इटैली, भुड़सुरी, जमीन सहरुल्ला, चकरा भुआलपुर आदि गांवों में भी चित्रवंशी समाज ने अपने आदिदेव को शीश नवाकर अभीष्ट सिद्धि का आशीष लिया। भगवान चित्रगुप्त के समक्ष नतमस्तक हो सदाचारपूर्ण जीवन व्यतीत करने का संकल्प लेते हुए अपना वार्षिक बजट भी तय किया।

चित्रगुप्त महाराज का विधि-विधान से पूजन-अर्चन

रतनपुरा (मऊ) : स्थानीय विकास खंड की विभिन्न ग्राम पंचायतों में कायस्थ बंधुओं ने अपने आदि देव चित्रगुप्त जी महाराज का विधि-विधान पूर्वक पूजन अर्चन किया।

रतनपुरा चित्रगुप्त मंदिर पर समारोह पूर्वक पूजन संपन्न हुआ। साथ ही पीपरसाथ, खालिसपुर, इटैली, बड़े गांव, जमीन सहरुल्ला, गहनी, भुड़सरी, भुआलपुर आदि गांवों में चित्रगुप्त पूजनोत्सव के साथ ही साथ कलम दवात की पूजा कर भगवान चित्रगुप्त का आशीर्वाद लिया गया।


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