जयकारे से गूंज उठे पंडाल
मधुबन (मऊ) : भगवान शिव के धनुष को तोड़ने की कोशिश तो कई प्रांत के राजाओं ने की मगर सफलता किसी के हाथ
मधुबन (मऊ) : भगवान शिव के धनुष को तोड़ने की कोशिश तो कई प्रांत के राजाओं ने की मगर सफलता किसी के हाथ नहीं लगी। एक-एक वीरों को अफसल होते देख राजा जनक को यह तक कहना पड़ा कि ऐसा प्रतीत होता कि यह पृथ्वी वीरों से खाली हो चुकी है। लेकिन जनक के इस कथन को भगवान श्रीराम ने गलत सिद्ध कर दिया जब उन्होंने अपनी वीरता का परिचय देते हुए शिव के धनुष को तोड़ डाला और इसके साथ ही पूरा रामलीला स्थल जय श्रीराम के जयकारे से गूंज उठा। स्थानीय दरगाह में राष्ट्रीय रामलीला समिति द्वारा आयोजित रामलीला के पांचवें दिन धनुष भंग एवं राम-सीता विवाह प्रसंग का मंचन किया गया।
भगवान श्रीराम के पात्र में हीरालाल यादव, जनक अश्रि्वनी भारद्वाज, दशरथ श्रीकृष्ण गुप्त, बंदीजन हनुमान शर्मा, बाणासुर अरुण लेखपाल एवं अनिरुद्ध मद्धेशिया, हरी, पुनर्वासी आदि के अभिनय सराहनीय रहे। उमाशंकर यादव, पप्पू लाल श्रीवास्तव, उमेश जायसवाल, मंटू यादव, सतीश गुप्त, मनोहर लाल आदि सहयोग में लगे रहे।