मौसम ने फिर ओढ़ी घने कोहरे की चादर
मऊ : एक बार फिर मौसम ने शनिवार की शाम से लेकर रविवार की सुबह तक घने कोहरे की चादर ओढ़े रखी। बदलते रूख के बीच हवा के निरंतर बहने से गलन भरी ठंड हड्डियों में समा गई। मौसम की इस बेरुखी से बच्चे, बूढ़ों सहित आम नागरिकों का जीना दुश्वार हो गया है। आवश्यक कार्य को छोड़कर लोग बाहर निकलने से कतराते नजर आए। दूसरी ओर प्राथमिक व जूनियर के स्कूल बंद न होने के आदेश से अभिभावकों के चेहरे पर चिंता की रेखाएं साफ झलक रही हैं।
शनिवार को दोपहर तक बादल के आंचल में छुपे भगवान भुवन भास्कर तीन बजे के करीब आसमान में उदित हुए। रोज से बेहतर धूप का प्रभाव यह रहा कि शाम होते ही कोहरा छाने लगा। रात होते ही यह भयावह रूप ले लिया। राष्ट्रीय राजमार्ग सहित संपर्क मार्ग पर वाहन रेंगते नजर आए। मौसम के बदले तेवर से घर वाले बाहर निकले परिवारी जनों के लिए चिंतित रहे। रात होने के साथ ही कोहरा और गहरा होता गया। लगातार बह रही पुरुआ-पछुआ हवा से अचानक बढ़ी गलन से लोगों का जीना मुहाल हो गया। अलाव के प्रबंध नाकाफी दिखे। मौसम के इस बदलाव से आम नागरिक परेशान और चिंतित दिखे। दिन-प्रतिदिन बढ़ रही ठंड और गलन के बाद भी जनपद में प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों के खुलने पर अभिभावकों ने गहरा रोष व्यक्त किया। गत दो दिन में ठंड से दो बच्चों की मौत हो जाने के कारण अभिभावकों ने प्रशासन से प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों को बंद करने की मांग की।
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