पोषक तत्वों का भंडार, हरे चारे का अचार
जागरण संवाददाता, मथुरा: पोषक तत्वों का सबसे किफायती स्त्रोत हरे चारे का अचार का है। इसे दूस
जागरण संवाददाता, मथुरा: पोषक तत्वों का सबसे किफायती स्त्रोत हरे चारे का अचार का है। इसे दूसरी भाषा में साइलेज कहा जाता है। शनिवार को वेटरिनरी कालेज में किसानों को पशुओं के लिए साइलेज बनाने की तकनीकी से अवगत कराया गया।
मानूसन से पहले मई और जून और मानसून के बाद सितंबर से नवंबर के पहले पखवाड़े तक हरे चारे का संकट रहता है। हरा चारा पशुओं के लिए पोषक तत्वों का सबसे किफायती स्त्रोत है। इन दिनों पशुओं के लिए हरा चारा खिलाने के लिए किसानों को साइलेज बनाए जाने की तकनीकी से अवगत कराने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। ज्वार, बाजार, मक्का, बरमीस, रिजका, लोबिया और दलहनी हरे चारे को संरक्षित करने की विधि किसानों को प्रोजेक्टर के मध्यम से समझाई गई। किसानों को बताया गया कि साइलेज बना कर पशुओं को खिलाने से उनको हरे चारे की बराबर ही पोषक तत्व प्राप्त होंगे। तैयार साइलेज की प्रदर्शनी भी लगाई गई। दरअसल में, हारे चारे को एक निर्धारित नमी पर जमीन में गड्ढा खोद कर दबा दिया जाता है। जो कुछ दिन में अचार की तरह हो जाता है। यही साइलेज है। दस-दस किलोग्राम साइलेज पशुओं को रोजाना दिया जा सकता है। इससे हरे चारे की पूर्ति की होती रहेगी और चारे की कमी भी दूर हो जाएगी। तीर्थ ब्रज विकास परिषद के अध्यक्ष शैलाजाकांत मिश्र ने गो पालन पर बल दिया और कहा कि गाय पालन से पशुपालाकों को कई फायदें हैं। कुलपति केएमल पाठक ने कहा कि वेटरिनरी कालेज के प्रोफेसर गांव-गांव जाकर किसानों को साइलेज बनाने की तकनीकी समझाने का काम करेंगे। कार्यशाला में डीन एसके गर्ग, डॉ. मुकुल आनंद, किसान ओमप्रकाश ¨सह, तेजपाल ¨सह, सुरेश चौधरी, रामजीलाल समेत करीब दो सैकड़ा किसानों ने भाग लिया।