Move to Jagran APP

राधे-राधे के स्वर से गूंजा कोसी

कोसीकलां (मथुरा): गहवर वन के संत रमेश बाबा के निर्देशन में गुरुवार को कोसी पहुंची ब्रज च

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Oct 2017 06:59 PM (IST)Updated: Thu, 12 Oct 2017 06:59 PM (IST)
राधे-राधे के स्वर से गूंजा कोसी

कोसीकलां (मथुरा): गहवर वन के संत रमेश बाबा के निर्देशन में गुरुवार को कोसी पहुंची ब्रज चौरासी कोस यात्रा का प्रत्येक पड़ाव पर जोरदार स्वागत किया गया। यात्रा का पडाव स्थल राधे-राधे के स्वर से गुंजायमान होता रहा। ब्रज यात्रा हताना, शेषसाई, खरौट के बाद रास्ते में पौराणिक स्थानों के दर्शन करती हुई कोसी पहुंची।

loksabha election banner

पडाव स्थल पर रमेश बाबा ने सत्संग को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान का नाम लेने से सभी काम पूरे हो जाते हैं, चाहे जितना भी कठिन काम क्यों न हो। ब्रज संस्कृति लुप्त होने के कगार पर है। अगर समय रहते नही चेते तो काफी पछताना पड़ेगा। आज की पीढ़ी पर पाश्चात्य संस्कृति हावी होती जा रही है। पुराने गीत, भजन, रसिया आदि को भूलकर रीमिक्स गानों की ओर बढ़ता जा रहा है। इसे रोकना जरूरी है। अगर यही हाल रहा तो ब्रज की संस्कृति इतिहास के पन्नों में सिमटकर रह जाएगी।

बाबा ने कोसी के इतिहास के बारे में बताते हुए कहा कि नंदबाबा ने कोसी में ब्रज की द्वारिकापुरी के दर्शन कराएं हैं। गोमती गंगा, रत्नागर सरोवर आदि पौराणिक स्थानों को देखकर याद ताजा हो उठती है। भागवताचार्य रामजीलाल शास्त्री, राधाकांत शास्त्री ने कहा कि साधु-संतों के आंदोलन के बाद भी सरकार ने यमुना में स्वच्छ जल प्रवाहित करने की ओर कोई कदम नही उठाया है। सरकार करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था से खिलवाड़ कर रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.