1008 दीप ज्योति से उतारी संकर्षण की आरती
गोवर्धन (मथुरा): ब्रजभूमि में नित नए उत्सव मनाए जाते हैं। गिरिराज महाराज की तलहटी कृष्ण के बड
गोवर्धन (मथुरा): ब्रजभूमि में नित नए उत्सव मनाए जाते हैं। गिरिराज महाराज की तलहटी कृष्ण के बड़े भाई बलभद्र का महोत्सव मना रही है। संकर्षण कुंड में विशाल संकर्षण भगवान के विग्रह की स्थापना से ब्रज मंडल का कण-कण तेजोमय हो उठा है।
आन्यौर में चल रहे संकर्षण महाभिषेक महोत्सव के दूसरे दिन बुधवार को भी सुबह से शाम तक पूजन और अभिषेक कार्यक्रम हुए। संकर्षण भगवान की उत्सव मूर्ति ने मंगलवार रातभर संकर्षण कुंड में जलाधिवास किया। सुबह उन्हें कुंड से वेदमंत्रों के साथ बाहर निकल कर दक्षिण भारतीय पंडितों ने कई लेपों से अभिषेक किया। इस दौरान घाट की सीढि़यों पर विदेशी भक्त कीर्तन कर रहे थे। पीछे 20 फीट ऊंची धार के फव्वारे पर पड़ती सूरज की किरणों से इंद्रधनुष उभर आया। उसके पीछे थे 34 फीट ऊंचे दाऊ दादा।
जीएलए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति नारायणदास अग्रवाल, नरेंद्र अग्रवाल, विपिन मुकुटवाला, इस्कॉन के इंद्रदमन स्वामी, राधारमणजी के पद्मनाभ गोस्वामी ने द ब्रज फाउंडेशन के अध्यक्ष विनीत नारायण के साथ 35 फीट ऊंची सीढ़ी पर चढ़कर दाऊ दादा का अभिषेक किया।
शाम को हैदराबाद से आए श्री चिन्ना जीयर स्वामी व उनके साथ संन्यासियों के दल और तेलांगना के उद्योगपति डॉ. रामेश्वर राव, जमनालाल बजाज समूह के शेखर बजाज और दक्षिण भारत से आए 300 भक्तों ने प्राण प्रतिष्ठा के वैदिक अनुष्ठान में भाग लिया।
शाम को सभी भक्तों ने कुंड के चारों ओर कीर्तन के साथ कलश यात्रा निकाली। संगीत की धुनें संकर्षण भगवान का यशोगान कर रही थीं और भक्त नाच रहे थे। दिन ढलने के साथ ही दीपों की झिलमिलाती ज्योति कुंड के प्रांगण को रोशन करने लगीं। भक्तों ने 1008 दीपक जलाकर सकर्षण कुंड की आरती उतारी, तो गिरिराज के प्रांगण में प्रभु की लीला का मंचन धरा की अलौकिकता का बखान करने लगा।
देर शाम तक ब्रजवासियों ने संकर्षण भगवान का जलाभिषेक किया और द ब्रज फाउंडेशन की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। इस दौरान भारत के मुख्य सतर्कता आयुक्त के वी. चौधरी सपरिवार संकर्षण कुंड पूजन के लिए दिल्ली से आए। कई देशों में राजदूत रहे अनिल त्रिगुणायत और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री के सलाहकार व पूर्व पुलिस महानिदेशक एचजी डोरा भी हैदरबाद से भाग लेने आए।