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सौ रुपये ही तो जुर्माना है, देकर झंझट काट

जागरण संवाददाता, मथुरा: नये बस अड्डे पर सुबह करीब दस बजे टीएसआइ महावीर ¨सह अपनी टीम क

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Nov 2017 10:48 PM (IST)Updated: Thu, 23 Nov 2017 10:48 PM (IST)
सौ रुपये ही तो जुर्माना है, देकर झंझट काट
सौ रुपये ही तो जुर्माना है, देकर झंझट काट

जागरण संवाददाता, मथुरा: नये बस अड्डे पर सुबह करीब दस बजे टीएसआइ महावीर ¨सह अपनी टीम के साथ यातायात के नियमों का उल्लंघन करके चल रह वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे थे। यातायात पुलिस कर्मी ने एक मोटरसाइकिल चालक को रोका और उसकी चाबी निकाल कर अपने कब्जे में ले ली। उससे लाइसेंस, मोटरसाइकिल का रजिस्ट्रेशन, बीमा तो उसने पेश कर दिया, लेकिन हेलमेट के नाम पर सकपका गया। पीछे बैठे साथी ने हेलमेट न लगाने का जुर्माना पूछा और बोला सौ रुपये ही तो है, लो और झंझट काटो अगली बार हेलमेट की लगाकर चलेंगे।

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यह सोच कोई पकड़े गए अकेले अभय कुमार की नहीं है, ज्यादातर की यही अवधारणा बन गई है। उनको जुर्माने की राशि कम लगती है, इसलिए कोई भय नहीं था। परेशानी तो वे लोग थे, जिनके पास वाहन के कोई कागज नहीं थे। वे प्रभावशाली लोगों को कॉल कराकर वाहन छुड़वाने की मांग करते नजर आए। कोई-कोई समझौता का प्रस्ताव रखता नजर आया। चालान सभी काटे जा रहे थे। बातचीत करने पर युवकों ने बताया कि हेलमेट लगाकर चलने की आदत नहीं है। उन्होंने सड़क की तरफ इशारा करते हुए कहा कि देख लीजिए कितने लोग बगैर हेलमेट के निकल गए। जो लोग पुलिसकर्मियों को दबाव में लेने की कोशिश कर रहे थे, उनसे चालान की राशि सौ रुपये से बढ़ाकर दो सौ रुपये वसूली की गई। सौ रुपये उनके ऊपर यातायात के नियमों का उल्लंघन का लगाया गया था। वाहन चालकों का कहना था कि अगर जुर्माना की राशि बढ़ाकर एक हजार रुपये कर दी जाए तो लोग हेलमेट लगाकर मोटरसाइकिल चलाएंगे। कार में सीट बेल्ट लगा कर यात्रा करेंगे। तीन सवारी चलना भूल जाएंगे।

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-हाईवे पर खड़े रहते हैं ट्रक: मंडी समिति चौराहे से लेकर ट्रांसपोर्ट नगर तक हाईवे और सर्विस रोड पर ट्रक लाइन लगाकर खड़े रहते हैं। इनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। इनसे हादसे हो रहे हैं। इसी तरह ढाबों और होटल के सामने हाईवे पर वाहनों को खड़ा किया जा रहा है। चौमुहां के समीप ढाबे पर दिन भर पचास साठ ट्रक खड़े हुए देखे जा सकते हैं और रात में इनकी संख्या बढ़ जाती है। यही स्थित रैपुराजाट के समीप है। यहां तक यातायात पुलिस जाती नहीं है और इलाका पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। हाईवे विकास प्राधिकरण को इनसे कोई लेना-देना नहीं है।

-भाड़ा चाहिए, लाइसेंस नहीं देखना: शहर में ऑटो किराए पर दिए जा रहे हैं। सुबह से शाम तक ऑटो मालिक चार सौ रुपये लेता है, जबकि रात में तीन सौ रुपये किराया वसूलते है। जो लोग ऑटो किराए पर शहरी क्षेत्र में चलवा रहे हैं। उनको ऑटो का भाड़ा चाहिए। किराए पर लेने वाले की वह न उम्र देखते हैं और न ही उसका लाइसेंस। इसलिए नाबालिग किराए पर ऑटो लेकर चला रहे हैं। चालक जिम्मेदारी टूट-फूट है। पकड़ने जाने पर जुर्माना की राशि ऑटो चालक को देनी होती है।

-लगातार कार्रवाई की जा रही है। एक हजार से अधिक बगैर हेलमेट, तीन सवारी और यातयात के नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। जुर्माना कम होने के कारण लोग यातायात नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। नो पार्किंग जोन में वाहन खड़े करने वाले के खिलाफ जब एक बार कार्रवाई की जाती है तो वह दुबारा नो पार्किंग जोन में खड़ा नहीं करता है। पकड़े जाने पर एक हजार रुपये का जुर्माना वसूल किया जाता है।

महावीर ¨सह, यातायात निरीक्षक

-यातायात नियमों का जब तक वाहन चालक पालन नहीं करेंगे, तब तक उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होगी। यातायात के पुराने कानून को बदल कर सरकार को नया कानून लागू करना चाहिए। इसमें जुर्माने की राशि इतनी हो कि एक बार पकड़े जाने पर चालक दुबारा यातायात नियमों का उल्लंघन करने की सोच भी न पाए।

मोनिका, डेम्पियर नगर

शहर में पार्किंग की कहीं कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए वाहन चालक सड़क पर वाहनों को बेतरतीब खड़ा कर रहे हैं। उन वाहनों के खिलाफ यातायात पुलिस कार्रवाई करती है तो चालक पुलिस के सामने एक ही सवाल करता है कि पार्किंग नहीं है तो वह वाहन खड़ा करें।

मुकेश चावला, डेम्पियर नगर


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