रिश्वत लेता सीडीपीओ रंगेहाथ गिरफ्तार
सुरीर (मथुरा): एंटी करप्शन आगरा की टीम ने सोमवार को तहसील मांट में बाल विकास परियोजन
सुरीर (मथुरा): एंटी करप्शन आगरा की टीम ने सोमवार को तहसील मांट में बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) को प्रभारी आंगनबाड़ी से दस हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। सीडीपीओ ये रकम पोषाहार आवंटन करने के बदले मांग रहा था। एंटी करप्शन इंस्पेक्टर आगरा ने सीडीपीओ को थाना मांट पुलिस के सुपुर्द कर उसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम में मुकदमा दर्ज कराया है।
थाना नौहझील क्षेत्र के गांव उदियागढ़ी निवासी विजेंद्र ¨सह की पत्नी मिथिलेश विकासखंड नौहझील क्षेत्र के गांव कोलाहार में आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर तैनात हैं। वह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का अतिरिक्त प्रभार देख रही हैं। सीडीपीओ मांट नीरज कुमार से मिथिलेश ने पोषाहार आवंटन करने को कहा। आवंटन करने से पहले सीडीपीओ ने दस हजार रुपये की रिश्वत मांगी। रिश्वत देने से प्रभारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने इन्कार कर दिया। सीडीपीओ ने कोलाहार गांव आंगनबाड़ी केंद्र का पोषाहार आवंटित नहीं किया। शिकायत किए जाने की पर मिथिलेश को बर्खास्त करने की धमकी दी। मिथिलेश कुमार के पति विजेंद्र ¨सह ने बताया कि इसकी शिकायत एंटी करप्शन आगरा में की गई। इसी शिकायत पर सोमवार का एंटी करप्शन टीम के इंस्पेक्टर भैया लाल ने डीएम अर¨वद मलप्पा बंगारी से मुलाकात की। डीएम ने एंटी करप्शन के साथ टीएसी शरद शर्मा, न्यायिक सहायक द्वितीय दिनेश सक्सैना को भी कार्रवाई के लिए नामित कर दिया।
डीएम के निर्देश पर टीम ने सीडीपीओ को रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़े जाने को अपना जाल फैलाया। दोपहर में सीडीपीओ को प्रभारी आंगनबाड़ी के पति विजेंद्र ¨सह ने पोषाहार आंवटन करने के लिए दस हजार रुपये दिए। जो एंटी करप्शन टीम ने उनको दिए थे। रिश्वत की रकम हाथ में लेते ही एंटी करप्शन टीम ने सीडीपीओ नीरज कुमार को पकड़ लिया। सीडीपीओ के पकड़े जाने की खबर से तहसील मुख्यालय पर खलबली मच गई। एंटी करप्शन के इंस्पेक्टर ने भ्रष्ट सीडीपीओ नीरज कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराते हुए मांट पुलिस के सुपुर्द कर दिया। टीम में मोहम्मद युसुफ शेख, बहादुर संध्या ¨सह निगम, मोहम्मद इसरार भी शामिल थे।
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विजिलेंस कार्रवाई में पहले भी हुई जेल
-भ्रष्टाचार से घिरे कर्मचारी रिश्वत लेते कई बार पकड़े गए
-बीएसए, डीआइओएस कार्यालय में भी पड़े हैं विजिलेंस के छापे
जागरण संवाददाता, मथुरा : जिले में भ्रष्टाचार के मामले लगातार प्रकाश में आते रहे हैं। रिश्वत लेते हुए कई बार कर्मचारी विजिलेंस कार्रवाई में पकड़े गए हैं और उनको जेल की हवा खानी पड़ी है। लगातार भ्रष्टाचार के मामले प्रकाश में आने के बाद भी सरकारी कर्मचारी अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं।
इसी वर्ष सितंबर में ग्राम पंचायत अधिकारी तुलाराम को विजिलेंस ने मांट में रिश्वत लेते पकड़ा था। इस अधिकारी की वीडियो भी वायरल हुई थी। 21 सितंबर 2016 को जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में तैनात बाबू अशोक शर्मा को रिश्वत लेते हुए विजिलेंस टीम ने पकड़ा था। उन्होंने सुरीर के राष्ट्रीय इंटर कॉलेज की संचालन समिति को बहाल करने के लिए 50 हजार रुपये की मांग की थी। विजिलेंस टीम ने दस हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए उन्हें पकड़ा था। बीएसए कार्यालय में मार्च 2016 में प्रधान लिपिक कुंज बिहारी रिश्वत लेते पकड़े गए थे। प्रधान लिपिक कुंज बिहारी ने सहायक शिक्षक वेगराम ¨सह से जांच को खत्म करने को 20 हजार मांगे थे, साथ ही कहा था कि यदि निलंबन हुआ तो बहाली में पचास हजार खर्च होंगे।
स्काउट गाइड फंड का गलत प्रयोग करने के मामले में शिक्षक आलोक उपाध्याय से नवंबर 2015 में भी रिश्वत की मांग की गई थी। उनकी जांच स्थानीय स्तर पर न होकर एबीएसए नारकी, फीरोजाबाद प्रवीण अग्रवाल को सौंपी गईं। शिक्षक आलोक उपाध्याय ने भी एंटी करप्शन में शिकायत कर एबीएसए को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाया था। वर्ष 2013 में जिला विद्यालय निरीक्षक केएल वर्मा भी रिश्वत लेते पकड़े गए थे।