सड़क निर्माण में धांधली की अब उधड़ेंगी परतें
जागरण संवाददाता, मथुरा: मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी के गड्ढा मुक्त सड़कों की घोषणा के बाद इंजीनियर
जागरण संवाददाता, मथुरा: मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी के गड्ढा मुक्त सड़कों की घोषणा के बाद इंजीनियर और ठेकेदारों ने धांधली की सभी हदें पार कर दी। दो चार टेंडर उठाए और अधिकांश सड़कों का निर्माण एस्ट्रा आयटम और सप्लाई आर्डर करा दिया गया। निर्माण कार्य पूरे होने से पहले ही लोक निर्माण विभाग ने ठेकेदारों के भुगतान तक कर दिए। इसको लेकर सीडीओ यशु रुस्तगी ने मुख्य सचिव से जांच कराए जाने की सिफारिश की है। इससे विभागीय अधिकारी और ठेकेदारों में खलबली मची हुई है।
मुख्यमंत्री ने 15 जून तक प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के निर्देश दिए थे। लोक निर्माण विभाग ने इसके लिए सड़कों को तीन श्रेणियों में बांट कर प्लान तैयार किया। नवीनीकरण, विशेष मरम्मत और गड्ढा भरने का काम कराने के लिए टेंडर डाले गए, लेकिन ठेकेदार गिट्टी की बढ़ी कीमतों के आधार पर रेट मांग रहे थे। इसलिए उन्होंने टेंडर नहीं भरे, लेकिन बाद में विभाग ने ठेकेदारों को राजी कर लिया। इसके बाद एस्ट्रा आयटम और सप्लाई आर्डर पर चहेतों ठेकेदारों से काम करा दिए। ईं-टेंडर न होने से ठेकेदारों ने मनमाने तरीके से काम किए। अभी तक सड़कें गडढा मुक्त नहीं हो सकी हैं, कई सड़कों पर काम चल रहा है। इंजीनियरों ने उनके भुगतान भी बैक डेट में कर दिए। इधर, करीब एक साल पहले 20 करोड़ 78 लाख रुपये की लागत से बनकर तैयार हुई मथुरा-बलदेव मार्ग की उखड़ी डामर ने विभागीय इंजीनियरों की करतूत को उजागर कर दिया। इस सड़क का निर्माण मैनपुरी की कंपनी ऋषिराज कंस्ट्रक्शन ने कराया। करीब दस करोड़ रुपये का कंपनी को भुगतान कर दिया गया और शेष भुगतान किए जाने की भी विभाग ने तैयारी कर ली। सड़क निर्माण में हुए घपले को दैनिक जागरण ने उजागर किया तो अधिकारियों ने इस मामले का संज्ञान लिया। सीडीओ यशु रुस्तगी ने बताया कि बलदेव मार्ग समेत दूसरी सड़कों की जांच मुख्य सचिव स्तर से कराने की सिफारिश की गई है। इस संबंध में शासन को पत्र लिखा गया है।