प्रेरकों को नहीं मानदेय, खोले जाएंगे पुस्तकालय
जागरण संवाददाता, मथुरा: जिले में भारत साक्षरता मिशन से जुड़े करीब 900 साक्षरता प्रेरक बीते तीस माह या
जागरण संवाददाता, मथुरा: जिले में भारत साक्षरता मिशन से जुड़े करीब 900 साक्षरता प्रेरक बीते तीस माह यानि ढाई साल से बिना मानदेय के निरक्षरों को साक्षर बनान में लगे हैं, वहीं दूसरी ओर अभियान के तहत जिले में नव साक्षरों के लिए संचालित 479 लोक शिक्षा केंद्रों पर पुस्तकालय खोले जाने की योजना पर काम चल रहा हैं। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि आर्थिक तंगी से जूझ रहे सैकडों प्रेरक बिना मानदेय के पुस्तकालयों का बेहतर संचालन कर पाएंगे या फिर किताबें रद्दी का ढेर बनकर रह जाएंगी।
मानदेय न मिलने से परेशान साक्षरता प्रेरक सरकार के खिलाफ संघर्ष के मूड में हैं। आंदोलन की रूप रेखा को लेकर जिले में प्रेरकों की बैठक का दौर जारी है। पुस्तकालय योजना के तहत प्रत्येक पुस्तकालय को 93 पुस्तकें दी जाएंगी। भारत साक्षरता मिशन का मकसद है कि नव साक्षर लोक सेवा केंद्रों पर खुलने वाले पुस्तकालयों पर जीवन उपयोगी जानकारियों का रोजमर्रा के कामकाज में लाभ उठाएं। नव साक्षरों के लिए सरल भाषा की पुस्तकों में प्रेरक कहानियां, खेती-बाड़ी की जानकारी, कानून की सरल जानकारी, स्वास्थ्य, पर्यावरण, अध्यात्मिक ज्ञान से जानकारियां शामिल हैं। इस साल जिले में 20306 नव साक्षर प्रेरकों ने तैयार किए हैं, जिनमें 8010 पुरुष और 12336 महिलाएं शामिल हैं।
प्रेरकों की मानदेय की मांग
मांट: मंगलवार को विकास खंड मांट पर शिक्षा प्रेरकों ने बैठक कर समस्याओं का समाधान न होने पर एकजुट होकर आंदोलन करने का एलान किया। बीआरसी पर आदर्श साक्षरता वेलफेयर एसोसिएशन के नेतृत्व में बैठक का आयोजन किया गया जिसमें जिलाध्यक्ष हरिओम राघव ने कहा कि सभी शिक्षा प्रेरकों को नियमित किया जाए और उनके मानदेय में बढ़ोतरी की जाए। पिछले दो साल से किसी को मानदेय नही मिला है। सचिव निर्भय गुर्जर ने कहा कि अगर उनकी समस्या का निवारण नहीं किया गया तो वह आंदोलन करने को मजबूर होंगे। इस मौके पर देव शरण, यदीप सारस्वत, मथुरा प्रसाद, योगेश कटारा आदि मौजूद थे।