पीपल के वृक्ष का रक्षक बना नाग
अभय गुप्ता, सुरीर (मथुरा) बुलंदशहर से आगरा के लिए बिछाई जा रही गंगाजल पाइपलाइन की राह पीपल के व
अभय गुप्ता, सुरीर (मथुरा)
बुलंदशहर से आगरा के लिए बिछाई जा रही गंगाजल पाइपलाइन की राह पीपल के वृक्ष के कारण कार्यदायी एजेंसी को बदलनी पड़ी। इस वृक्ष को उखाड़ने के लिए एक महीने से मशक्कत चल रही है। हर बार कोई न कोई दिक्कत आई। महाबली ने जब दहाड़ भरी, तो एक नाग की फुस्कार से उसके पंजों का दम निकल गया। अनहोनी की आशंका से दहशत में आए कंपनी इंजीनियरों ने आखिर पाइपलाइन का रुख ही मोड़ दिया।
गांव खायरा-महमूदगढ़ी के मध्य इन दिनों गंग नहर के सहारे गंगाजल पाइपलाइन बिछाई जा रही है। कार्यदायी एजेंसी मेगा कन्स्ट्रक्शन कंपनी है। गांव आसफाबाद निवासी ग्रीश कुमार, गंगाप्रसाद और रमनलाल के खेतों में पाइपलाइन के लिए खोदाई चल रही है। इनके खेत में एक पीपल का वृक्ष है। पाइपलाइन के लिए इसे हटाना जरूरी था। कंपनी के इंजीनियर और जल निगम के कर्मचारियों ने बताया कि वृक्ष हटाने के लिए चार बार जेसीबी मशीन आई, मगर वृक्ष तक पहुंचने से पहले ही हर बार कोई तकनीकी दिक्कत हो गई। पहली बार मशीन के इंजन ने काम करना बंद कर दिया। इसके तीन दिन बाद जब मशीन दुबारा आई, तो उसका पावर पाइप फट गया। एक सप्ताह बाद ऑपरेटर सुंदर ¨सह जब मशीन लेकर वृक्ष उखाड़ने पहुंचा, तो वहां एक भयंकर काला नाग मशीन के सामने फन उठा फुस्कार मारने लगा।
यह देख ऑपरेटर घबरा गया और उसने मशीन बंद कर दी। नाग के तेवर देख निर्माण कार्य में लगे दूसरे कर्मचारी और अधिकारी भी दहशत में आ गए। इतना ही नहीं, कंपनी के कैंप पर इस वृक्ष को उखाड़ने की तरकीब पर जब-जब चर्चा होती, नाग पीपल के वृक्ष के इर्द-गिर्द ही नजर आता। कंपनी के गौतम पुरी, सुंदर ¨सह, छत्रपाल ¨सह, संजीव कुमार आदि कर्मचारियों ने बताया कि किसी नाग का ऐसा रूप उन्होंने पहली बार देखा। वे तो बुरी तरह से दहल गए। अंतत: पाइपलाइन की राह मोड़ देने का फैसला किया गया।
----
काले नाग का रौद्र रूप उन्होंने खुद देखा है। इस संबंध में कंपनी के अलावा जल निगम के अधिकारियों से वार्ता के बाद पीपल के वृक्ष को बचाने के लिए पाइपलाइन की राह मोड़ने के निर्देश मिल गए। इस वृक्ष की जगह से मोड़ देकर पाइपलाइन की खुदाई कराई जा रही है।
किशोर ¨सह, इंजीनियर मेगा कंस्ट्रक्शन कंपनी गंगाजल प्रोजेक्ट