मीटरों को छेड़ते हैं बंदर, विजिलेंस देती है धमकी
जागरण संवाददाता, मथुरा: आम विद्युत उपभोक्ता अपने विद्युत लोड के बारे में तकनीकी रूप से जानकारी नह
जागरण संवाददाता, मथुरा: आम विद्युत उपभोक्ता अपने विद्युत लोड के बारे में तकनीकी रूप से जानकारी नहीं रखता है। इसी कमी का फायदा उठाकर विद्युत विभाग की विजिलेंस टीम रिपोर्ट दर्ज कराने की धमकी देती है। ऐसी शिकायतों से अधिकारी आए दिन दो-चार हो रहे हैं।
विद्युत विभाग ने पिछले साल तक ओवरहैड केबिलें भूमिगत की हैं। सड़कों के किनारे पैनल बाक्स लगाकर उपभोक्ताओं के यहां मीटर भी घरों के बाहर लगाए हैं और उनकी केबिल पैनल बाक्स से जोड़ी हैं। शहर की घनी आबादी में बंदरों का आतंक काफी है और मीटरों पर कूदने या छेड़छाड़ करने से उपभोक्ताओं के घरों के बाहर लगे मीटरों के ढक्कन क्षतिग्रस्त होकर उखड़ रहे हैं। विजिलेंस टीम इसी को बिजली चोरी मान लेती है, जबकि मीटर में सील लगी होने को नजरंदाज करने की शिकायतें हैं।
इसी तरह कई उपभोक्ता घरेलू कनेक्शन से दुकान आदि में उपभोग कर रहे हैं। बिजली विभाग के नियमानुसार घरेलू और वाणिज्यक बिजली की दरें अलग-अलग हैं। ऐसे मामलों में स्लैब के अतिक्रमण का मामला बनता है और पकड़े जाने पर अधिकारी के विवेक के आधार जुर्माना वसूला जा सकता है, लेकिन यह रिपोर्ट दर्ज कराने की श्रेणी में नहीं आता है।
ऐसे भी मामले हैं, जिनमें मीटर की क्षमता से ज्यादा लोड होने को बिजली चोरी माना जा रहा है, जबकि मीटर लगा है। विजिलेंस टीम पर आरोप है कि ऐसे मामलों में वह रिपोर्ट दर्ज कराने की धमकी देकर निज स्वार्थ साध रही है। कांग्रेस विद्युत निगरानी समिति के अध्यक्ष हर प्रसाद शर्मा ने एसपी विजिलेंस समेत दक्षिणांचल विद्युत निगम के अधिकारियों से भी शिकायत की है।
विद्युत वितरण मंडल (नगर) के अधिशासी अभियंता का कहना है कि विजिलेंस के काम में उनका कोई दखल नहीं है, फिर भी ऐसे मामले सामने आने पर व्यवहारिक नजरिए के साथ समाधान करा दिया जाता है।