मैं चौधरी हूं, चालान करके देख गोली मार दूंगा
जागरण संवाददाता, मथुरा: यमुना एक्सप्रेस वे पर बुधवार को कोहरे की परत धीरे-धीरे छा रही थी और उसी के स
जागरण संवाददाता, मथुरा: यमुना एक्सप्रेस वे पर बुधवार को कोहरे की परत धीरे-धीरे छा रही थी और उसी के साथ कोहरे को चीरते हुए 170 किमी की रफ्तार से गाड़ी मांट टोल की तरफ दौड़ रही थी। पेट्रो¨लग कर रहे कर्मचारियों ने गाड़ी रोक ली। गाड़ी से उतरे युवक ने कर्मचारियों पर रौब गांठते हुए खुद को हाथरस के पास के गांव का चौधरी बताया। बोला कि मेरी गाड़ी है। मैं कैसे भी चलाऊं? बात चालान काटने की आई, तो धमकी दी कि मैं चौधरी हूं, चालान करके देख तो सही। गोली मार दूंगा। धमकी की परवाह किए बगैर पुलिस ने ओवरस्पीड गाड़ी चलाने का एक हजार रुपये का चालान कर उसके हाथ में थमा दिया।
युवाओं के लिए तेज रफ्तार गाड़ी दौड़ाना स्टेटस ¨सबल बन गया है। यमुना एक्सप्रेस वे पर कार और जीप की स्पीड 100 किमी प्रति घंटे निर्धारित है, लेकिन युवाओं के हाथ स्टेय¨रग आते ही कारें हवा से बातें करने लगती हैं। यही हाल नेशनल हाईवे और दूसरे मार्गों का है। टोकने पर युवाओं पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। पकड़े जाने पर पुलिस को दबाव में लेने की हर संभव कोशिश करते हैं। कभी कामयाब होते हैं, तो कभी चालान कटवाकर फिर अपनी जान को जोखिम में डाल दूसरे की ¨जदगी के लिए खतरा बन रहे हैं। बुधवार रात एक्सप्रेस वे पर पकड़े गए कार चालक ने भी पेट्रो¨लग कर्मचारियों को धमकी दी। नोडल अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि ऐसी धमकियां आए दिन मिलती हैं, लेकिन उनसे डर कर यातायात के नियमों को तोड़कर वाहनों को नहीं दौड़ने दिया जाएगा।
न दाएं न बाएं हर तरफ रेलमपेल
शहर और कस्बों में वाहन चालक न दाएं देख रहे हैं और न बाएं। मोटर साइकिल और स्कूटी लहराकर फर्राटा भर रहे हैं। यातायात के कायदे-कानून को ताख पर रखने में न युवक पीछे हैं और न युवतियां। स्कूटी पर युवतियां हेलमेट लगाकर नहीं चल रही हैं। युवाओं के ग्रुप शाम को शहर के चौराहों और शराब के ठेकों पर खड़े होकर नशा कर रहे हैं, फिर बेकाबू रफ्तार में दौड़ रहे हैं। रात को सड़कों पर कलाबाजी भी खा रहे हैं और अस्पताल भी पहुंच रहे हैं। जिला अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार पिछले एक महीने में 29 युवा रात को शराब के नशे में मोटरसाइकिल से गिरने और टकराने के बाद इलाज के लिए आए हैं।
शहर में यहां है बेकाबू ट्रैफिक
कलक्ट्रेट, क्वालिटी तिराहा, होलीगेट चौराहा, भरतपुर गेट, डीगगेट, भूतेश्वर तिराह, कृष्णा नगर, मसानी चौराहा, मंडी समिति चौराहा, स्टेट बैंक चौराहा, डैम्पियर नगर।
किराए के ऑटो की अनाड़ी के हाथ स्टेय¨रग
स्कूटी, मोटरसाइकिल तो नाबालिग चला ही रहे हैं, लेकिन शहर में अनाड़ियों के हाथ में ऑटो और टेंपो की स्टेय¨रग भी है। 1700 ऑटो किराए पर ठेकेदार दे रहे हैं। लाइसेंस न होने पर ऑटो किराएदार 200 रुपये अधिक देता है, जो जुर्माना होने पर ऑटो को छुड़ाने के नाम पर लिए जा रहे हैं, जबकि लाइसेंसी को जुर्माने की राशि का स्वयं भुगतान करना होगा।
11 माह की कार्रवाई का ब्योरा
माह-दोपहिया-तीनपहिया-कार-ट्रक/बस-टैक्टर
जनवरी-2764-536-510-19-18 फरवरी-2174-472-450-14-19
मार्च-2923-532-672-49-42
अप्रैल-2580-533-675-53-42
मई-4865-1273-1545-181-111
जून-7825-1590-1413-238-124
जुलाई-962-1600-3435-309-28
अगस्त-995-1437-3382-301-23
सितंबर-696-860-3061-243-16
अक्टूबर-4308-5298-5620-231-6
नवंबर-3296-4584-4941-237-47
(यातायात पुलिस के अनुसार)
यातायात को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए ट्रैफिक पुलिस और इलाका पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। पिछले नवंबर में मनाए गए यातायात माह में लोगों को जागरूक किया और 84 लाख रुपये का शमन शुल्क भी वसूल किया।
आशुतोष द्विवेद्वी, एसपी यातायात
कोहरे के मद्देनजर यमुना एक्सप्रेस वे पर पांच-पांच किलोमीटर की दूरी पर दो-दो पेट्रो¨लग कर्मचारी अतिरिक्त लगाए हैं। ये क्रेन, मोबाइल वैन, सुरक्षा उपकरण और वाहन चालकों को संकेत देने के उपकरणों को लेकर निर्धारित किए पांच किलोमीटर के दायरे में गश्त करते रहेंगे।
अनिल कुमार, नोडल अधिकारी, यमुना एक्सप्रेस वे
चौराहे-तिराहे संभालेंगे एसपीओ
शहर में यातायात को सामान्य बनाने के लिए अगले सप्ताह से विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) की तैनाती करने की प्ला¨नग की है। यातायात पुलिस, होमगार्ड के अलावा एसपीओ को भी कुछ समय के लिए चौराहे-तिराहे पर यातायात नियंत्रण करने के लिए लगाया जाएगा। इसके लिए उन्हें पहले से प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
मोहित गुप्ता, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक
जमीं पर नहीं टिकते पांव, हवा से बातें : लग रहा है कि सड़कों पर मोटरसाइकिल और स्कूटी नाबालिग लाड़लों को दे रहे माता-पिता इसमें अपनी शान समझ रहे हैं। शेखी बघारने के लिए जो अपराध जानबूझकर वह अपने साथ कर रहे हैं, उसका खामियाजा दूसरे को भी भुगतना पड़ रहा है। स्कूल और ट्यूशन पढ़ने के लिए जा रहे नाबालिग अपने दो-तीन दोस्तों को भी साथ बैठाकर चल रहे हैं, वह भी बगैर हेलमेट लगाए। अधिकांश स्कूलों में सख्ती न होने के कारण स्कूली बच्चे दो पहिया वाहन पर नजर आ रहे हैं। जितने अधिक अभिभावक जिम्मेदार हैं, उतने ही स्कूल प्रबंधक भी। गांव-देहात में कोई भी इन पर अंकुश नहीं लगा रहा है।