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सदियां गायेंगी शहीदों की जांबाजी के गीत

जागरण संवाददाता, मथुरा: शहीदों की शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनकी जांबाजी के गीत सदियों से गा

By Edited By: Published: Mon, 24 Oct 2016 12:32 AM (IST)Updated: Mon, 24 Oct 2016 12:32 AM (IST)

जागरण संवाददाता, मथुरा: शहीदों की शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनकी जांबाजी के गीत सदियों से गाये जा रहे हैं और गाये जाते रहेंगे। सीमा की सुरक्षा के लिए तैनात सैनिक युद्ध और शांति हर समय भारतीयों को चैन की नींद सोने देते हैं। पाकिस्तान आतंकवादियों को न सिर्फ पनाह दे रहा है, बल्कि भारत में आतंक फैलाने के लिए उनका पालन पोषण भी करता है।

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देश जब विषम परिस्थितियों से गुजर रहा है, ऐसे में देश के हर नागरिक का फर्ज है कि वह भारतीय सैनिकों के आत्मबल को बढ़ाने के लिए आगे आए। देश की सीमा पर रक्षा के दौरान शहीद हुए प्रत्येक अमर शहीद को सच्ची श्रद्धांजलि यह होगी कि इस दीपावली के त्योहार पर सभी एक दीया जरूर जलाएं। मेरी अपील समाज के सभी वर्गों से है। वह किसी भी धर्म, जाति व पंथ का क्यों न हो।

हमारी प्रेरणा वे सब हैं, जिन्होंने अपने शरीर, परिवारीजनों का मोह त्याग कर देश की सुरक्षा निर्माण के लिए प्राणों की आहूति दी। युवाओं व जन मानस को एक प्रेरणा स्त्रोत, एक आईकान की जरूरत होती है। शायद यह शरीर ही हमारी चेतना को जाग्रत रखे है। देश के इन अमर शहीदों के सम्मान के लिए प्रयास होना चाहिए कि हर क्षेत्र में शहीदों की याद में एक स्मारक जरूर बनाया जाए। हमारा प्रयास होना चाहिए कि शहीदों के परिवार में कोई अशिक्षित न रह जाए। बेटियों का सम्मान और सुरक्षा मिले। उनके बूढ़े मां-बाप का सहारा हम सबको बनना चाहिए, क्योंकि वे अपने लिए नहीं, देश के लिए जिये और देश के लिए अपने प्राणों की आहूति दी है। इस दीपावली हर व्यक्ति अमर शहीदों के सम्मान में एक दीया जलाकर अपने कर्तव्य की शुरूआत कर सकता है। -डा. राम किशोर अग्रवाल चेयरमैन, आरके एजूकेशन हब


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