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नहर लबालब करने को 27 करोड़ का प्रस्ताव

जागरण संवाददाता, मथुरा: 18 वर्षों तक सूखी बनी रही मांट ब्रांच की सामानांतर नहर को लबालब करने की तैय

By Edited By: Published: Tue, 31 May 2016 12:44 AM (IST)Updated: Tue, 31 May 2016 12:44 AM (IST)
नहर लबालब करने को 27 करोड़ का प्रस्ताव

जागरण संवाददाता, मथुरा: 18 वर्षों तक सूखी बनी रही मांट ब्रांच की सामानांतर नहर को लबालब करने की तैयारी शुरू हो गई है। ¨सचाई विभाग ने नहर की सफाई और मरम्मत के लिए 27 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया है। नहर में पूरी क्षमता से गंगाजल आने के साथ ही हरनौल एस्केप तो अपने मूर्तरूप में आ ही जाएगी, गंगाजल की धारा से वृंदावन में यमुना भी कल-कल करती नजर आएगी।

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खुर्जा के बालनपुर से करीब बीस साल पहले मांट ब्रांच गंगनहर शुरू कराई गई थी। दो साल बाद ही मांट तहसील के भूरेका गांव से इस गंगनहर के समानांतर एक नहर खोदी गई। राया क्षेत्र में गांव नसीटी तक करीब 21 किमी लंबी नहर फिर मांट ब्रांच गंगनहर में आकर मिल जाती है। गंगनहर से ही हरनौल के पास एक एस्केप बनाया था, जो वृंदावन के पास यमुना में मिलता था। ये समानांतर नहर तब से ही सूखी पड़ी है। गंगनहर में क्षमता के तहत पूरा गंगाजल न आने से हरनौल एस्केप भी एक नाले की तरह बहती है। इस समानांतर नहर की खुदाई के दौरान किसानों की हजारों एकड़ जमीन अधिग्रहीत की गई थी। नहर खोदने का मकसद, आसपास के किसानों को खेती के लिए पानी उपलब्ध कराना था। मगर खुदाई से अब तक इस नहर में कभी भी पानी नहीं आया।

'जागरण'ने इस समानांतर नहर को लेकर खबर प्रकाशित कर ¨सचाई विभाग को कठघरे में खड़ा किया था। ¨सचाई विभाग ने अब इस नहर को लबालब करने के लिए 27 करोड़ का एक प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा है। ¨सचाई विभाग के अधिशासी अभियंता र¨वद्र कुमार चौधरी ने बताया कि इससे नहर की पूरी सफाई कराई जाएगी। जहां-जहां पर पटरी और पुल जर्जर होंगे, उन्हें दुरुस्त कराया जाएगा। नहर की क्षमता 627 क्यूसिक की है। यह कार्य होने पर हरनौल एस्केप को पूरी क्षमता से गंगाजल मिलेगा। करीब 400 क्यूसिक क्षमता वाले हरनौल एस्केप में अभी बमुश्किल 150 क्यूसिक गंगाजल आ रहा है, जो सीधे वृंदावन में यमुना में मिलता है।

यह भी होगा समानांतर नहर में

- जगह-जगह ¨सचाई के लिए कुलाबे बनाए जाएंगे

- पशुओं के पीने के लिए पानी के पोखर होंगे

- जगह-जगह ग्रामीणों के उपयोग के लिए घाट भी बनाए जाएंगे

- इस नहर के पानी से आसपास के तालाब-पोखर भी भरे जाएंगे।


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