Move to Jagran APP

चार मौतों में सिर्फ सफाई पर्यवेक्षक पर गाज

जागरण संवाददाता, मथुरा: कांशीराम आवासीय कॉलोनी में हैजा फैलने से चार मौतों की मजिस्ट्रेट जांच के उजा

By Edited By: Published: Tue, 31 May 2016 12:42 AM (IST)Updated: Tue, 31 May 2016 12:42 AM (IST)

जागरण संवाददाता, मथुरा: कांशीराम आवासीय कॉलोनी में हैजा फैलने से चार मौतों की मजिस्ट्रेट जांच के उजागर होने के बाद अधिकारी अपनी गर्दन बचाने के लिए जिम्मेदारी दूसरों के ऊपर डालने लगे हैं। मामले में किसी बड़े पर कार्रवाई की जगह सिर्फ सफाई पर्यवेक्षक को निलंबित किया गया है, बाकी के लिए कहा जा रहा है कि रिपोर्ट मिलने पर कार्रवाई होगी।

loksabha election banner

कॉलोनी में चार-पांच मई को फैले हैजा से हुई चार मौतों के मामले की मजिस्ट्रेटी जांच एडीएम प्रशासन अजय कुमार अवस्थी ने की। दैनिक जागरण ने सोमवार के अंक में रिपोर्ट में सामने आए तथ्यों को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद आवासीय कॉलोनी टाउनशिप में कार्य कराने वाली एजेंसियों में खलबली मच गई। रिपोर्ट में नगर पालिका मथुरा और मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण को जांच रिपोर्ट में मौतों के लिए जिम्मेदार ठहराया था।

नगरपालिका मथुरा के अधिशासी अधिकारी डॉ. बृजेश कुमार ने बताया सफाई पर्यवेक्षक को निलंबित कर दिया गया है। सफाई पर्यवेक्षक कमल पर कॉलोनी में साफ-सफाई की जिम्मेदारी थी, पर उसने लापरवाही बरती। साथ ही उन्होंने कहा कि मजिस्ट्रेटी जांच की रिपोर्ट प्राप्त होने पर लापरवाही के लिए जिम्मेदार कर्मचारियों को चिन्हित किया जाएगा और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। परंतु सवाल उठ रहा है कि रिपोर्ट नहीं मिली तो सफाई पर्यवेक्षक पर ही कार्रवाई क्यों की गई।

वहीं विकास प्राधिकरण के चीफ इंजीनियर आरके शुक्ला ने बताया कि विप्रा ने केवल मकान निर्माण का कार्य किया था, जबकि नालियां और सीवर का कार्य जल निगम ने किया था। जल निकासी का जो मार्ग पहले था, उस स्थान पर प्राधिकरण ने कोई भी मकान नहीं बनाया, जबकि जांच रिपोर्ट इसके विपरीत कह रही है।

देख रहे कॉलोनी का जल निकाली प्लान

जल निगम के अधिकारी भी इस मामले को लेकर सतर्क हो गए हैं। सोमवार को कार्यालय में काशीराम कॉलोनी के निर्माण में दौरान बनाए गए जल निकासी के मानचित्र को खंगाला जा रहा था।

कॉलोनी वालों ने खूब झेलें समस्याएं

कांशीराम कालोनी निवासी आनंद ¨सह ने बताया कि जब वे रहने के लिए आए। तभी से उन्होंने समस्याएं झेलीं। बसपा की सरकार जाते ही किसी ने भी कॉलोनी में रह रहे लोगों की तरफ मुड़ कर भी नहीं देखा कि उन्हें किन दिक्कतों में रहना पड़ रहा है। नालियों की सफाई कराने के लिए कई बार अधिकारियों को पत्र लिखे गए, लेकिन कोई नहीं आया। पीने के पानी में दुर्गंध आ रही थी। इसकी शिकायत भी की गई थी। पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। महेशचंद और सलीम ने बताया कि शिकायत करते-करते थक गए थे। अंत में लोगों ने शिकायत करना ही छोड़ दिया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.