आंधी से बिजली विभाग को 35 लाख का करंट
जेएनएन, मथुरा: रह-रह कर चल रही तेज हवा बिजली महकमे का पसीना छुड़ा रही हैं। अंधड़ चलते ही जनता तो इसलिए
जेएनएन, मथुरा: रह-रह कर चल रही तेज हवा बिजली महकमे का पसीना छुड़ा रही हैं। अंधड़ चलते ही जनता तो इसलिए परेशान हो जाती है कि कहीं तार टूटेगा, कहीं खंभा तो बिजली गुल हो जाएगी। मगर, विभाग वित्तीय घाटे के करंट से घबराया हुआ है। चार-पांच दिन में आई आंधी ने देहात क्षेत्र को सबसे ज्यादा अस्त-व्यस्त किया है। विभाग को लगभग 35 लाख रुपये की चपत लगी है।
बुधवार को आई आंधी ने सबसे ज्यादा नुकसान किया था। जगह-जगह पेड़ टूटे, खंभे उखड़े। हादसे भी हुए। उसके बाद जिले में शहरी क्षेत्र की आपूर्ति तो कुछ ढर्रे पर आने लगी, लेकिन देहात में बिजली संकट बरकरार है। इसकी वजह है देहात का अब तक चल रहा पुराना बिजली नेटवर्क। यहां लगे सीमेंट के बिजली खंभे हवा के तेज वेग को नहीं सह सके और उखड़ते चले गए। साथ ही तार भी उनसे लिपट कर टूटते गए। उसे ठीक करने में विभागीय अफसरों के हाथ-पैर फूले हुए हैं। मथुरा देहात के अधीक्षण अभियंता आरपीएस तोमर ने बताया कि देहात क्षेत्र में लगभग 500 खंभे आंधी से टूट गए। 11 केवी की लाइन टूट गईं। सबसे ज्यादा नुकसान छाता और मथुरा के बीच में हुआ है। इससे जो सब स्टेशन जुड़े थे, उनकी बिजली आपूर्ति बंद हो गई। बताया कि इतने खंभों को दोबारा लगाने में वक्त तो लगता ही है। एक खंभे की कीमत लगभग सात हजार रुपये आंकी जाती है। इस लिहाज से आंधी ने करीब 35 लाख रुपये का नुकसान पहुंचाया है। उपभोक्ताओं को बिजली संकट झेलना पड़ रहा है, वह अलग। उन्होंने बताया कि 90 फीसद काम पूरा हो चुका है। जल्द ही आपूर्ति बहाल हो जाएगी।
--- शहर में न हुआ ज्यादा असर:
शहरी क्षेत्र में लोह के खंभे और काफी इलाका अंडरग्राउंड होने का लाभ मिला। यहां आंधी इतना असर नहीं डाल पाई। तार टूटने से कई जगह जरूर आपूर्ति बाधित हुई, लेकिन असर बहुत ज्यादा नहीं है। शहरी क्षेत्र के अधीक्षण अभियंता प्रदीप मित्तल ने बताया कि मथुरा-वृंदावन के शहरी क्षेत्र में बमुश्किल 25 खंभे ही टूटे। उनका मानना है कि देहात में अधिकांश खंभे सीमेंट के हैं, इसलिए वहीं ज्यादा नुकसान हुआ।