अक्षयपात्र से लिए दूध के सैंपल
मथुरा: दो बच्चो की मौत और कई बच्चों के बीमार होने को लेकर अक्षयपात्र के साथ ही खाद्य विभाग की टीम भी
मथुरा: दो बच्चो की मौत और कई बच्चों के बीमार होने को लेकर अक्षयपात्र के साथ ही खाद्य विभाग की टीम भी संशय में है कि टेट्रा और वैक्यूम पै¨कग वाला दूध खराब कैसे हो सकता है। बुधवार को अक्षयपात्र संस्था ने जिले के दो हजार स्कूलों में दूध के 65 हजार पैकेट बांटे थे।
अक्षयपात्र के सेंट्रल स्ट्रेटजिक सोर्स मैनेजर राजेंद्र मंडल का कहना है कि फूड प्वॉइज¨नग तो चार-छह घंटे में ही हो जाती है। हमने तो बुधवार को सुबह नौ बजे दूध बांटा था। जिस छात्र की मृत्यु हुई है, वह स्कूल का नहीं, आंगनबाड़ी का छात्र था। आंगनबाड़ी में संस्था ने दूध नहीं बांटा। चार साल की कीíत तो आंगनबाड़ी में भी नहीं पढ़ती थी। इस बीच गुरुवार को कोतवाली प्रभारी उदयप्रताप ¨सह और मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी वीके राठी ने यहां से अलग-अलग दूध के पैकेट लिए। इनकी जांच कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि इस दूध को किसी निर्धारित तापमान की जरूरत नहीं होती। कंपनी का दावा है और पैकेट पर भी लिखा है कि 90 दिन तक दूध खराब नहीं होगा।
खतरे से बाहर सभी बच्चे
डीएम राजेश कुमार ने बताया कि सभी बीमार बच्चे खतरे से बाहर हैं। स्कूल में 48 बच्चे पंजीकृत हैं, जबकि 30 बच्चे ही स्कूल गए थे। जो बीमार हुए हैं, उनमें तीन माह से लेकर 65 वर्षीय वृद्ध शामिल हैं। अमूल दूध का जो पैकेट मिला था, उस पर मैन्यूफैच¨रग डेट 16 मार्च पड़ी थी और उसे तीन महीने तक प्रयोग के लिए बताया गया था, इसलिए अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि सभी मिड-डे-मील का दूध पीने से बीमार हुए है। जांच कराई जा रही है।