रात में चकाचक, सुबह गंदगी का 'बाजार'
जागरण संवाददाता, मथुरा: कान्हा की नगरी में सफाई का अपना अलग नियम हैं। रात को सड़कें सुनसान होने के बा
जागरण संवाददाता, मथुरा: कान्हा की नगरी में सफाई का अपना अलग नियम हैं। रात को सड़कें सुनसान होने के बाद पालिका का अमला जुटता है। सुबह दिन निकलने से पहले सड़कें चकाचक हो जाती हैं। मगर, अफसोस बाजार खुलने के बाद सफाई गंदगी में तब्दील होने लगती है। ग्राहकों की उम्मीद में दिनभर पलक पांवड़े बिछाने वाले दुकानदार उनकी अगवानी में खुद गंदगी की सेज बिछाए रहते हैं। सफाई व्यवस्था को ये दुकानदार खुद पलीता लगाते हैं।
पालिका प्रशासन लगातार रात में सफाई कार्य चला रहा है। हर प्रमुख सड़क पर रात दस बजे बाद सफाई कर्मचारी झाड़ू लेकर उतर आते हैं। कूड़े का निस्तारण करती हुई ट्रैक्टर ट्राली भी चलती है। सडकें चमाचम हो जाती हैं।
सुबह नौ बजे से शहर का बाजार खुलने लगता है और गंदगी गिरना भी शुरू हो जाती है। ताला खोलकर दुकानदार सफाई करते हैं और दुकान से निकलने वाला कचरा सड़कों पर फेंक देते हैं।
पूर्व जिलाधिकारी बी. चंद्रकला ने अपने कार्यकाल के दौरान दुकानदारों की इस गलत आदत को रोकने के लिए काफी मेहनत की थी। कई दिन शहर का निरीक्षण किया और डलावघर बंद करवाए। डीएम ने पालिका अध्यक्ष मनीषा गुप्ता से कहकर डिस्टबिन मंगाए और दुकानों पर रखवाए। कुछ दुकानदारों ने रुचि दिखाई, लेकिन फिर पुराने ढर्रे पर लौट आए। पालिका ने करीब पांच सौ डस्टबिन ठेकेदार को वापस कर दीं।
व्यापारी सहयोग करें तब बनेगी बात
पालिका चेयरमैन मनीषा गुप्ता कहती हैं कि सफाई अनुशासन बिना कोई शहर स्वच्छ नहीं रह सकता। एक बार रात में और दो बार दिन में सफाई होती है, फिर भी दुकानों के सामने कचरा बना रहता है। पूरे दिन का कचरा दुकानदार शटर बंद करने से पहले निकालें तो भी काफी सुधार हो सकता है। व्यापारियों को सहयोग करना चाहिए।
हम सड़क पर गंदगी नहीं फेंकते
छत्ता बाजार के ग्री¨टग कार्ड व्यवसायी नरेंद्र कहते हैं कि सफाई अभियान में वे सहयोग कर रहे हैं। दुकान का कचरा दिन में सड़क पर नहीं फेंकते। सुबह आठ से नौ बजे के मध्य कचरा निकालते हैं। रात को शटर डाउन करने से पहले। इससे उनकी दुकान के सामने सफाई बनी रहती है।
हम गंदगी नहीं फेंकते
होलीगेट के इलेक्ट्रॉनिक व्यवसायी विशाल खुराना कहते हैं कि वह अतिक्रमण अभियान के साथ ही सफाई में भी सहयोग कर रहे हैं। हमारी दुकान का कचरा सुबह 10 बजे से पहले निकल जाता है। कोशिश होती है कि सीधे ट्रैक्टर ट्राली में कचरा डाला जाए। इसी तरह रात में अमूमन शटर बंद करने से पहले कचरा निकाल दिया जाता है।
मंदिरों की तरह सड़क चमकाने को उठाया था सीएम ने मुद्दा
मथुरा: 11 मार्च 2015 को वृंदावन के इस्कॉन मंदिर के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सफाई का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि 'देखिए, वृंदावन के मंदिरों में सफाई है। कमिश्नर साहब और डीएम साहब आप काबिल अफसर हैं। अगर ऐसी ही सफाई मथुरा-वृंदावन में सड़कों व गलियों में नजर आए तो इस धार्मिक नगरी का संदेश देश-दुनिया भर में जाएगा कि सफाई को लेकर यहां कितनी जागरुकता है। क्योंकि, यहां दुनिया भर के लोग आते-जाते हैं। मैं जब भी यहां आया, मुझे सड़कों पर गंदगी ही नजर आई। मथुरा-वृंदावन को गंदगी मुक्त बनाने के लिए आप प्रस्ताव बनाकर भेजिए, पैसा सरकार देगी।'
भक्ति वेदांत गुरुकुल के बच्चों ने चलाया अभियान
इस्कॉन मंदिर स्थित भक्ति वेदांत इंटरनेशनल गुरुकुल के छात्र समय-समय पर शहर के अनेक स्थानों पर सफाई अभियान चलाकर लोगों में स्वच्छ भारत का संदेश देते रहे हैं। पिछले दिनों गुरुकुल के छात्रों ने चीरघाट, केशीघाट और यमुना नदी के बीच उतरकर सफाई अभियान चलाया।
गंदगी सभी बीमारियों की जड़
-वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. भारती गर्ग बताती हैं कि अमूमन सभी बीमारियों की जड़ गंदगी होती है। ये गंदगी हमारे घर में हो या घर के आसपास हो। कहीं न कहीं गंदगी सेहत पर वितरीत असर डालती है। करीब 60 फीसद लोग गंदगी के कारण ही बीमार पड़ते हैं। उनके यहां आने वाले ऐसे रोगियों की संख्या अच्छी खासी होती है। इसके अलावा खान-पान में स्वच्छता का ध्यान न रखने पर भी लोग अक्सर बीमार पड़ जाते हैं।
-वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रचना अग्रवाल कहती हैं कि बच्चे जब भी बीमार पड़ते हैं उसके पीछे साफ-सफाई का अभाव ही मुख्य कारण होता है। जमीन में गिरी वस्तुओं को खा लेने से बच्चों को दस्त, उल्टी और अपच जैसी शिकायतें हो जाती हैं। खेलते-खेलते बच्चे धूल, मिट्टी आदि गंदगी वाली जगहों पर चले जाते हैं, जिसके चलते उन्हें सर्दी, खांसी, बुखार आदि का सामना करना पड़ता है।