नमामि गंगे में मथुरा की डीपीआर सराही
जागरण संवाददाता, मथुरा: मथुरा नगर पालिका अपने बदतरीन कामकाज, शिकायतों और जांच आदि के लिए भले ही अक्स
जागरण संवाददाता, मथुरा: मथुरा नगर पालिका अपने बदतरीन कामकाज, शिकायतों और जांच आदि के लिए भले ही अक्सर बदनामी झेलती हो, लेकिन नमामि गंगे प्रोजेक्ट में सोमवार को उसने प्रदेश के तीन नगर निगमों और एक नगर पालिका से बेहतर प्रेजेंटेशन देकर नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के अधिकारियों का दिल जीत लिया। मथुरा की डीपीआर जस की तस स्वीकार कर ली गई।
नमामि गंगे प्रोजेक्ट में मथुरा, वृंदावन और गोकुल में यमुना शुद्धीकरण और घाटों-नालों की सफाई के लिए बनी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) का प्रेजेंटेशन सोमवार को लखनऊ स्थित नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के ऑफिस में किया गया। केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के दिशा-निर्देशन में मथुरा नगर पालिका द्वारा मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण के सहयोग से आनन-फानन तैयार की गई डीपीआर का प्रेजेंटेशन आर्किटेक्ट मयंक गर्ग ने किया। उन्होंने इसे न्यूनतम जरूरत बताते हुए कहा कि कंपनियां इतनी आवश्यकता को देखते हुए निविदाएं डालें और इससे बेहतर कुछ हो सकता है, तो वह भी शामिल किया जा सकता है।
मथुरा की डीपीआर को मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर शैलेंद्र कुमार ¨सह ने सराहा और इसे अप टु डेट बताया। इसके विपरीत इलाहाबाद नगर निगम द्वारा पेश डीपीआर में नक्शा ही नहीं लगा था, तो वाराणसी और कानपुर नगर निगम समेत गढ़ मुक्तेश्वर पालिका की डीपीआर में कई अहम जानकारियों का अभाव मिला। उन्होंने कमी पूरी करने के लिए दो-तीन दिन का समय मांगा है।
अन्य जनपदों की डीपीआर में कमी पाए जाने के कारण अब दिल्ली में डीपीआर को बाद में भेजा जाएगा, जबकि निविदा प्रक्रिया जो पहले 14 जुलाई को होनी थी, उसका समय बढ़ाकर 24 जुलाई तक कर दिया गया है। इस मौके पर उच्चाधिकारियों समेत वहां मौजूद कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भी स्थानीय अफसरों से कई सवाल पूछे और यहां के नालों, घाटों व यमुना में प्रदूषण के डाटा लिए। प्रस्तुतिकरण में मथुरा पालिका के ईओ केपी ¨सह, सहायक अभियंता उदयराज ¨सह यादव, वृंदावन पालिका के ईओ रामआसरे भी मौजूद रहे।