हालातवश घर छोड़ा अब प्रभु भक्ति में खलल
जागरण संवाददाता, मथुरा (वृंदावन): एक विधवा जब अपनों के तिरस्कार के बाद घर छोड़ वृंदावन में भगवान श्री
जागरण संवाददाता, मथुरा (वृंदावन): एक विधवा जब अपनों के तिरस्कार के बाद घर छोड़ वृंदावन में भगवान श्रीकृष्ण की आराधना और पूजा को उनकी शरण में आ गई। अब महिला कल्याण निगम नए-नए कानून दिखाकर उन्हें परेशान कर रहा है। उनकी प्रभु भक्ति में निगम खलल डाल रहा है।
यह कहना है यहां बीस-बीस साल से रह रही विधवाओं का, जो आश्रमों में रहकर प्रभु श्रीकृष्ण की आराधना में रमकर अपने जीवन के शेष दिन बिता रही हैं। विधवाओं का कथन है कि वे लोग सरकार के बनाए चैतन्य विहार आश्रय, भूतगली में बने दो आश्रमों में रह रही हैं। एनजीओ सुलभ उन्हें पेट भरने को दो हजार रुपए हर महीने दे रहा। लेकिन इसमें महिला कल्याण निगम में रुकावट डाली तो उन लोगों ने सड़क पर जाकर विरोध तक किया। हालांकि इसके बाद निगम ने यह आदेश वापस ले लिया है।
-आराधना और पूजा में दिक्कत
विधवा सुमित्रा दासी, सुमन दासी, चंपा दासी और रानी दासी का कहना है कि उनकी मदद को सरकार ने बड़ी बि¨ल्डग बना दी। इसके अलावा उनके रहने को भूतगली में जगह है, लेकिन अब नया कानून बनाकर उन्हें परेशान किया जा रहा। उन्हें श्रीकृष्ण की आराधना और पूजा में दिक्कत हो रही है।
- एनजीओ को पैसा क्यों
नहीं दे रही सरकार
चैतन्य विहार आश्रय सदन में रहने वाली निराश्रित महिला रूपाली दासी कहती हैं कि उनकी देखरेख के लिए एनजीओ काम ठीक कर रहा है। पर चैतन्य विहार और कुछ अन्य आश्रय सदन को सरकार उनका पैसा क्यों नहीं दे रही है।
-निगम ने अभी तक
कोई मदद नहीं दी
कोलकाता की निराश्रित देवकी दासी का कहना है कि महिला कल्याण निगम ने अभी तक कोई मदद नहीं की, पीने को पानी तक नहीं दे पा रहा। ऊपर से कानून दिखाकर जैसे डरा रहा है। वह फिर विरोध करेंगी।
-45 विधवा और निराश्रित
महिलाएं सदन छोड़ गईं
रामानुजनगर में बने सीताराम आश्रय सदन से बीते शुक्रवार को 45 विधवा और निराश्रित महिलाएं सदन छोड़कर चली गईं। इस बारे में शांति दासी कहती है कि इन लोगों ने परेशान होकर ऐसा किया।
-निगम के महाप्रबंधक ने किया
निरीक्षण, अधीक्षिका बदलीं
महिला कल्याण निगम के महाप्रबंधक एमके ¨सह ने सोमवार को भूतगली स्थित लीला कुंज आश्रय सदन और रास बिहारी आश्रय सदन का निरीक्षण किया। उन्होंने लीलाकुंज आश्रय सदन अधीक्षिका को बदलने की कार्यवाही की। अधीक्षिका पद पर जयश्री ने कार्य भार ग्रहण कर लिया। इसके पूर्व इन दोनों आश्रय सदनों की अधीक्षिका पद की जिम्मेदारी मित्तल पटेल के पास थी। श्रीमती पटेल अब केवल रास बिहारी आश्रय सदन की जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगी।