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गूंजते चिकाड़ा-नगाड़ा, रसिया और महकती फूलों की होली

जागरण संवाददाता, मथुरा: निश्चित रूप से भव्य और चकाचौंध भरे मथुरा महोत्सव ने जिले के लिए नया आयाम स्थ

By Edited By: Published: Sun, 26 Apr 2015 11:31 PM (IST)Updated: Sun, 26 Apr 2015 11:31 PM (IST)
गूंजते चिकाड़ा-नगाड़ा, रसिया और महकती फूलों की होली

जागरण संवाददाता, मथुरा: निश्चित रूप से भव्य और चकाचौंध भरे मथुरा महोत्सव ने जिले के लिए नया आयाम स्थापित किया है। रंगबिरंगी दुनिया के सितारों की एकसाथ मौजूदगी और बेहतरीन प्रस्तुतियों ने इस आयोजन को यादगार बना दिया। साथ ही पर्यटन के नजरिए से नई राह भी दिखा दी। अगर इस आयोजन में चिकाड़ा गूंजता और खनकता नगाड़ा, बरसाना-नंदगांव की रसिया गाई जातीं और चंग पर होती ख्याल लावनी। चौबों की तान सुनने को मिलती और महकती फूलों की होली, तो ये महोत्सव ब्रज के उत्सव को चरमोत्कर्ष पर पहुंचा देता।

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ब्रज की विश्व विख्यात संस्कृति का मूल आधार यहां की प्राकृतिक सौंदर्य के साथ ही स्थानीय लोकविधाएं, लोककलाएं भी हैं। कोई मौका हो या पर्व, ये लोकविधाएं और लोककलाएं ही द्वापरकालीन ब्रज को जीवंत बनाए हैं। फिल्मी सितारों का मथुरा आगमन कोई पहली बार नहीं हुआ है। आस्था के वशीभूत ये सितारे अक्सर आते रहते हैं, बेहद गुमनाम की तरह। कोई बांकेबिहारी की शरण में आता रहा है तो कोई अपने गुरुजन के पास। कोई सामाजिक कार्यों में अपनी भागीदारी प्रदर्शित करने। मथुरा के तमाम लोग बॉलीवुड में अपनी उल्लेखनीय उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं। फिल्म गदर के निर्माता अनिल शर्मा हों या मानवीय संवेदनाओं को झकझोरने वाली फिल्म बागवां के लेखक अमृतलाल नागर, अपने बालपन में ही गायकी का परचम फहराने वाले हेमंत ब्रजवासी हों या मोहित बघेल। इसी तरह से मथुरा में तमाम रासाचार्य दुनिया भर में ब्रज की लोककला का प्रचार प्रसार कर रहे हैं। इस महोत्सव में तमाम निगाहें उनको तलाशती रहीं। ब्रज संस्कृति की खासियत सुनकर ही देश दुनिया से लोग यहां पर आते हैं। विशेष पर्वों पर तो मानो पूरी दुनिया यहां पर उमड़ती है। मथुरा महोत्सव में विदेशी श्रद्धालुओं की मौजूदगी कहीं नजर नहीं आई।

आगाज तो हो गया, अंजाम की चुनौती

देश दुनिया को ब्रज में बुलाने, ब्रज के विकास और ब्रज की प्रतिभाओं को दुनिया भर में शौहरत दिलाने के मकसद वाला मथुरा महोत्सव का आगाज तो उतने ही खूबसूरत अंदाज में हो गया। अब चुनौती अंजाम तक पहुंचाने की है। इसके लिए ऐसे आयोजन निरंतर होना जरूरी है। पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने शनिवार को हेमामालिनी से ऐसी अपेक्षा की भी। हेमामालिनी ने हर साल आयोजन की हामी भी भरी। शनिवार को धर्मेंद्र ने भी कहा था कि इस आयोजन का मुख्य मकसद ब्रज का विकास करना है। हेमा के साथ उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादच् से अच्छे संबंध का हवाला देते हुए मथुरा के विकास के लिए पूरे प्रयास का वादा भी किया। ये भी सच है कि इस प्रकार के आयोजन से मथुरा को नयी पहचान मिलेगी। धरा भले ही ब्रज की हो, मगर जिस तरह से बॉलीवुड सितारों ने यहां आने में दिलचस्पी दिखाई, वच् भी अच्छे दिन के संकेत हैं। प्रसिद्ध आर्ट डायरेक्टर नितिन देसाई तो मथुरा में एशिया के सबसे बड़े फिल्म डेस्टिनेशन की संभावना जता चुके हैं।


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