राधा के रावल गांव में 'आदर्श' की शुरुआत भी नहीं
जागरण संवाददाता,मथुरा: श्रीकृष्ण की शक्ति राधारानी की जन्मस्थली रावल में कुछ भी 'आदर्श' नहीं हो रहा
जागरण संवाददाता,मथुरा: श्रीकृष्ण की शक्ति राधारानी की जन्मस्थली रावल में कुछ भी 'आदर्श' नहीं हो रहा है। सर्वे के बाद न तो अभी तक पेयजल के लिए पाइप लाइन डाली गई हैं और न क्षतिग्रस्त सड़कें दुरुस्त हो सकी हैं। गांव में मंदिर दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की आमद दिनोंदिन बढ़ती जा रही है, मगर इनके लिए सहूलियतें नहीं जुट पा रही हैं।
गाव रावल को सासद हेमा मालिनी ने आदर्श ग्राम योजना के तहत चयनित किया है। विश्व पटल पर प्रसिद्ध गांव रावल विकास की दृष्टि से काफी पिछड़ा हुआ है। न तो गांव में पेयजल की व्यवस्था है और न ही चलने के लिए सड़क हैं। गांव में शौचालय भी नहीं हैं। पिछले वर्ष जल निगम द्वारा पेयजल लाइन के लिए सर्वे भी किया गया। प्रशासन द्वारा सड़क बनवाने का भी आश्वासन दिया गया था। लेकिन गांव के विकास के नाम पर केवल कागजी घोड़े ही दौड़ रहे हैं।
सांसद द्वारा गांव में ही विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर विद्युत लाइन, सड़क, बैंक, मॉल, शौचालय, पार्किंग, खेल मैदान आदि का प्रस्ताव तैयार करने को कहा। आनन-फानन में जल निगम द्वारा तो पेयजल की लाइन के लिए सर्वे भी किया था। लेकिन विकास के नाम पर अभी तक कागजी घोड़े दौड़ रहे हैं धरातल पर कुछ भी नजर नहीं आ रहा है।
लाड़ली का जन्मोत्सव मनाया जाता है धूमधाम से
राधाजी की जन्मस्थली होने के कारण रावल के मंदिर में राधाष्टमी पर्व पर तो द्वापरयुग जीवंत हो उठता है। वैसे श्रीकृष्ण और राधा की लीला से जुड़े होली, शरद पूर्णिमा, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी आदि सभी आयोजन पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाए जाते हैं।