आफत का सैलाब बन उमड़ रहा ओवरफ्लो
मथुरा (सुरीर): बेमौसम बरसात के बाद नहर-बंबों में ओवरफ्लो आफत का सैलाब बनकर उमड़ रहा है। इसे देख किसान
मथुरा (सुरीर): बेमौसम बरसात के बाद नहर-बंबों में ओवरफ्लो आफत का सैलाब बनकर उमड़ रहा है। इसे देख किसानों की धड़कनें तेज हो रही हैं।
गंग नहर और उससे निकले रजवाह व माइनरों में इन दिनों पानी ओवरफ्लो होकर बह रहा है। पानी का दवाब बढ़ने से इनकी पटरिया टूटने के कगार पर पहुंच गई हैं। बेमौसम बरसात की मार से दुखी किसान इस आफत के सैलाब को देख परेशान हैं। नींद उड़ने लगी है। किसान दिन-रात नहर-रजवाह व माइनरो पर डेरा डाले पड़े हैं। डर जो है कि कहीं पटरी टूटने से बरसात के बाद बची फसल भी इस सैलाब में न डूब जाए। किसानों का कहना है कि जरारा रजवाह के अलावा खावल व सुरीर माइनर में पानी पूरी रफ्तार से ओवरफ्लो है। जबकि इस समय पानी की कोई आवश्यकता नहीं है। पानी बंद कराने की गुहार के बाद भी सिंचाई विभाग के अफसर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। वहीं ओवरफ्लो ने नहरों की सफाई में भ्रष्टाचार की कलई खोल कर रख दी है।
किसानों ने मागा मुआवजा
तीन दिन की बारिश से हुए फसलों के नुकसान ने किसानों की कमर तोड़ दी है। किसान संगठनों ने नष्ट फसलों का मुआवजा मागना शुरू कर दिया है। लोहई, भालई, नगला जयसिंह, महमूदगढ़ी, बदनपुर, खायरा आदि गावों में फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। यहा ओलों की बौछार और खेतों में पानी भर जाने से फसल बर्बाद होती दिख रही है। माट क्षेत्र के सपा महासचिव सतेंद्र सिंह ने कहा कि फसल बर्बाद होने से किसान भुखमरी के कगार पर है। उन्होंने सरकार से नुकसान का आंकलन कर जल्द मुआवजा दिलाने की माग की है। किसान संघर्ष समिति जावरा के संयोजक व युवा भाकियू के जिलाध्यक्ष नरेंद्र सिंह ने कहा है कि किसान खून के आसू रो रहा है, लेकिन अभी तक उसके आसू पोंछने के लिए शासन-प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया है।