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ताजिंदगी दर्द न बन जाएं ये पटाखे

जागरण संवाददाता, मथुरा: आपकी दीपावली शुभ हो, सुरक्षित हो और इको फ्रेंडली हो। लेकिन यह तभी संभव है, ज

By Edited By: Published: Wed, 22 Oct 2014 08:11 PM (IST)Updated: Wed, 22 Oct 2014 08:11 PM (IST)
ताजिंदगी दर्द न बन जाएं ये पटाखे

जागरण संवाददाता, मथुरा: आपकी दीपावली शुभ हो, सुरक्षित हो और इको फ्रेंडली हो। लेकिन यह तभी संभव है, जब आप अपने घर में पटाखों से दूरी बनाएं रखें, बाजार के दूषित व मिलावटी मिष्ठान और पकवानों से परहेज करें। क्योंकि पटाखे पर्यावरण को तो प्रदूषित करते ही हैं, साथ ही हमारी आंख, कान, त्वचा को भी नुकसान पहुंचाते हैं।

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नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. सतीश वर्मा कहते हैं कि पटाखों में विस्फोट के बाद उनसे निकलने वाली रासायनिक गैस, धुआं व अचानक चमकने वाली रोशन से हमारी आखें चौंधिया जाती हैं और कोर्निया को खतरा बना रहता है। इससे आखों में जलन, एलर्जी, इंजरी व इंफेक्शन का खतरा बना रहता है। हीट कंडक्टिवाइटेड की आशंका बनी रहती है। विशेषकर बच्चों को पटाखों से दूरी बनाए रखनी चाहिए और चलाएं भी तो अभिभावकों की देखरेख में बगैर आवाज वाले, कम धुएं वाले पटाखे ही चलाएं और आंखों पर चश्मा पहनना न भूलें। खुद के साथ-साथ दूसरों का खयाल रखें।

नाक-कान-गला रोग विशेष डा. अमिताभ पांडे कहते हैं कि अचानक व तेज आवाज वाले पटाखों से कानों के पर्दे फट सकते हैं। सुनने की क्षमता कम हो सकती है और लगातार 90 डेसीमिल से अधिक तेज आवाज सुनने से कानों की श्रवण शक्ति समाप्त हो सकती है और कान सुन्न पड़ सकते हैं। बेहतर होगा कि आवाज वाले पटाखे चलाएं ही नहीं और जरूरी भी हो तो कानों में रुई व अंगुली लगाकर रखें, पटाखे दूरी से चलाएं, बच्चे परिवार के बड़े लोगों की मौजूदगी में ही खुले में यह सब करें और पटाखे लगातार न फोड़ें।

त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. अनिल अग्रवाल बताते हैं कि पटाखों में कैमीकल होता है, जिन्हें चलाते समय हाथों में भी कैमीकल आ जाता है। हाथ आंखों पर लगने से आंखों को भी नुकसान है। पहले तो पटाखे न ही चलाएं, रस्म अदायगी जरूरी है तो रेशम या टेरीकोट के कपड़े न पहनें सिर्फ सूती के कपड़े पहनें। बाल व चेहरा दूर रखें। पटाखा चलाते समय उस पर झुकें नहीं। बच्चे बड़ों की देखरेख में पटाखे चलाएं। जलने पर घर में कोई भी एंटीबाइटिक क्रीम लगाएं और योग्य चिकित्सक को दिखाएं। खाना खाने से पहले अच्छी तरह हाथ जरूर धोएं।

वरिष्ठ फिजीशियन डा. सुधीर गर्ग का कहना है कि पटाखों से तीन नुकसान हैं। एक तो जलने का डर, दूसरे आंख-कान, त्वचा को नुकसान और तीसरे धुआं से श्वांस लेने में दिक्कत हो सकती है और एलर्जी भी। वहीं त्योहार पर बाजार में मिलावटी मिठाई व दूषितपकवान का सेवन करने से सबसे पहले पेट खराब होता है, लीवर व किडनी डेमेज हो सकती हैं। उल्टी, दस्त व पेट दर्द की शिकायत भी दूषित खाने से हो सकती है। बेहतर होगा कि कम खाएं, शुद्ध खाएं।


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