पग-पग पर कमीशन, फिर भी जांच की आंच
जागरण संवाददाता, मथुरा: लोक निर्माण विभाग के निर्माण खंड में करीब तीन करोड़ के टेंडर पिछले दिनों निकले हैं, लेकिन निविदाएं लेने से पहले ठेकेदार कतराने लगे हैं। वे समझ नहीं पा रहे कि पग-पग पर कमीशन देने के बावजूद जांच की आंच वे क्यों झेलें।
बीते दिन लोक निर्माण विभाग के राजकीय ठेकेदार संघ ने बैठक कर शिकायत का दबाव बनाकर कमीशन ऐंठने वाले विधायक के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया। ठेकेदार इससे ज्यादा कर भी कुछ नहीं सकते। लेकिन वे टीएसी जांच और पचास फीसद रिकवरी से भारी परेशान हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि निर्माण कार्य किसके मानक के अनुसार पूरे किये जाएं।
ठेकेदारों की मानें तो विशेष मरम्मत के कार्यो का प्रस्ताव शासन और विभाग में ऐसे ही स्वीकृत नहीं हो जाते? इसके बाद स्थानीय स्तर पर भी परंपरा तो निभायी ही जाती है।
बीते दिन ठेकेदारों ने यही निंदा करते हुए विधायक को विकास कार्यो में सहयोगी बनने की सलाह दी। ठेकेदारों का कहना था कि यदि इस तरह ढर्रा चलता रहा तो कोई ठेकेदार काम नहीं कर सकेगा। सड़क बनने के दौरान जो भी भुगतान ठेकेदार को होता है, उसमें कमीशन अधिकारी स्तर पर दिया जाता है।
ठेकेदारों का दुख यह है कि चार जगह कमीशन देने के बाद कोई सड़क मानक अनुसार कैसे बन सकती है। इस पर भी शिकायत होने पर जांच कमेटियां भी मुंह फाड़ने लगती हैं। दबी जुबान में ठेकेदारों का कहना है कि इस जांच में भी यही हुआ।
निर्माण खंड में करीब तीन करोड़ के निर्माण कार्य के टेंडर हुए हैं। टेंडर ठेकेदार लेंगे भी, लेकिन उन्हें आने वाले समय में फिर से वही सब होने का भय भी सता रहा है।
विधायक पर उठने लगी अंगुली
लोनिवि के अलावा ग्रामीण अभियंत्रण विभाग और सिंचाई विभाग के ठेकेदारों की आंख के एक विधायक किरकिरी बने हुए हैं। उनका आरोप है कि शिकायतों का सिलसिला लंबे समय से चल रहा है। विधायक भारी ईमानदार बनते हैं, लेकिन हर मामले में अपना कमीशन अनाप शनाप मांग लेते हैं। उनका अक्सर तर्क होता है कि वह कमीशन नहीं लेंगे तो ठेकेदार सोने की सड़क नहीं बना देगा।
मोबाइल फोन स्विच ऑफ
संबंधित विधायक से इस संबंध में संपर्क करने का प्रयास किया, मगर उनका मोबाइल फोन स्विच ऑफ था।