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सुर, लय और ताल के संगम में झूमे श्रोता

By Edited By: Published: Mon, 01 Sep 2014 11:53 PM (IST)Updated: Mon, 01 Sep 2014 11:53 PM (IST)
सुर, लय और ताल के संगम में झूमे श्रोता

जागरण संवाददाता, मथुरा (वृंदावन): सुर, लय और ताल के संगम से झंकृत मंच, दर्शकों से खचाखच भरा पंडाल, सभी एकटक शास्त्रीय संगीत में खो जाने को बेकरार। बेहतरीन प्रस्तुतियों का समां कुछ ऐसा कि सोमवार देर रात तक लोग अपने स्थान पर जमे रहे। कलाकारों ने वीणा वादन, कथक, ओडिसी और धु्रपद गायन की मनमोहक प्रस्तुतियों दे सबका मन जीत लिया।

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स्थानीय फोगला आश्रम सभागार में सोमवार को स्वामी हरिदास अकादमी के बैनरतले आयोजित स्वामी हरिदास संगीत एवं नृत्य महोत्सव में संगीत के सुर कुछ इस तरह बहे कि हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया। महोत्सव का उद्घाटन मशहूर फिल्म अभिनेता व पूर्व सांसद राजबब्बर ने स्वामीजी के चित्रपट के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर किया। उद्घाटन के बाद स्वामी हरिदास अकादमी के बालकों की कथक प्रस्तुति में घुंघरुओं की झंकार और और पखावज के सुरों का संगम देखते बना। इस दौरान तालियों की गड़गड़ाहट गूंजती रही।

संगीतज्ञ स्वामी हरिदास की पवित्र भूमि पर अपनी साधना से स्वामीजी को रिझाते रहे, तो पंडाल में मौजूद हजारों संगीत प्रेमी सुधबुध खोते गए। कथक नृत्य से भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का मंच पर प्रदर्शन करने पहुंचे पंडित राजेंद्र एवं निरुपमा ने अपने गु्रप के साथ नृत्य शुरू किया तो पंडाल का कोना-कोना शांत भाव से उनकी भाव-भंगिमा को एकटक निहारता रह गया। इस ग्रुप के जाते ही मंच पर आये धु्रपद गायक उस्ताद वसीफुद्दीन और पखावज पर मोहन श्याम शर्मा की जुगलबंदी ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।

स्वामी हरिदास को भावांजलि दिव्य अहसास: राज बब्बर

जागरण संवाददाता, वृंदावन: कांग्रेस प्रवक्ता एवं पूर्व सांसद राजबब्बर ने कहा, धु्रपद के जनक संगीत सम्राट स्वामी हरिदास की भूमि पर उन्हें भावांजलि देना किसी दिव्य अहसास से कम नहीं। जो भगवान को अपने संगीत और आराधना से प्रकट कर दे, उनसे बड़ा कोई कैसे हो सकता? श्री बब्बर ने ध्रुपद गायन और संगीत से जुड़े कलाकारों का आह्वान किया कि वे इस धरोहर को संजोकर रखें। कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता व विधायक प्रदीप माथुर ने कहा, शास्त्रीय विधा को संजोकर रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। संगीत शिरोमणि स्वामी हरिदास संगीत समिति के सचिव गोपी गोस्वामी मौजूद रहे।


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