आखिर, सूखा से हलकान हो ही गया प्रशासन
जागरण संवाददाता, मथुरा: कम बारिश, तेज गर्मी के बीच फसलें झुलस गई हैं। किसान आंसू बहा रहे हैं। सूखे की इस हालत से हलकान प्रशासन ने आखिर शासन को फैक्स कर मथुरा जिला को सूखाग्रस्त घोषित करने की संस्तुति कर दी है।
सोमवार को भेजे फैक्स संदेश में बताया गया कि जनपद में वर्षा के मौसम में सामान्य से लगभग 58 फीसदी कम बारिश हुई है। अगस्त महीने में भी तापमान भी औसत से सात डिग्री अधिक रहा है। धान, बाजरा और तिल की फसल के साथ ही चारे की फसल भी बर्बाद हो चुकी है।
जिले में खरीफ की सूख गई फसल
- धान की फसल जिले में इस बार 39353 हेक्टेयर में बोयी गई। इसमें से लगभग 1600 हेक्टेयर फसल जिले में खराब हो गई है।
- बाजरा की फसल इस बार 48320 हेक्टेयर में जिले में बोयी गई। इसमें से 1400 हेक्टेयर की फसल का नुकसान हो गया है।
- तिल की फसल इस बार 539 हेक्टेयर में किसानों द्वारा बोयी गई थी। मगर इसमें से 05 हेक्टेयर की फसल का नुकसान हो गया है।
- चरी, ज्वार, ग्वार और मक्का की फसल 12000 हेक्टेयर में बोयी गई। 1200 हेक्टेयर की फसल का नुकसान हो गया है।
सूखाग्रस्त घोषित होने पर मिलेगी कुछ राहत
एडीएम फाइनेंस धीरेंद्र सचान के मुताबिक जिले के सूखाग्रस्त घोषित होने पर जिले के किसानों को कुछ राहत मिल सकेगी। इसके तहत किसानों के कृषि आधारित लोन की वसूली स्थगित कर दी जाएगी। साथ ही कृषि लगान की वसूली भी शासन द्वारा स्थगित करने की घोषणा कर दी जाएगी।
प्रशासन देगा एहतियात
सूखे के हालात में किसानों, पशु पालकों और अन्य लोगों को जागरुक करने के लिए प्रशासन ने तैयारी की है। पशु चिकित्साधिकारी कार्यालय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी और जिला कृषि अधिकारी कार्यालय से सूखे की स्थिति में किए जाने वाले एहतियात की जानकारी मंगा ली गई है। इसे लोगों तक पहुंचाने को इंतजाम किए जा रहे हैं।