लड़खड़ाते कदम और हाथों में लाश
जागरण संवाददाता,मथुरा: नशे में लड़खड़ाते कदम और हाथों में लाश। बुधवार को जंक्शन स्टेशन पर फिर यही नजारा दिखा। घंटों से प्लेटफॉर्म पर पड़ी लाश की सूचना दिए जाने के बाद जीआरपी और आरपीएफ के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। सूचना देने वाला कर्मचारी उठा और नशेबाज युवकों को आवाज दी ओए इधर ला, वो लाश उठाकर ला। नशे में लड़खड़ाते दोनों लड़के जैसे-तैसे लाश को स्ट्रैचर पर रखकर थाने ले गए।
बुधवार दोपहर करीब 12 बजे डिप्टी कॉमर्शियल कार्यालय में किसी यात्री का शव पड़े होने की सूचना आई। कार्यालय में मौजूद रेलवेकर्मी ने जीआरपी,आरपीएफ और अस्पताल को फोन पर सूचना दे दी, मगर कोई नहीं पहुंचा। इसके बाद कर्मचारी खुद ही उठा और स्टेशन पर इधर-उधर किसी को तलाशने लगा। अचानक दो लड़कों पर इसकी नजर पड़ी। दरअसल, स्टेशन पर आवारा किस्म के ऐसे लड़के अक्सर घूमते रहते हैं। जानकारी तो ये भी है कि ये हर वक्त नशे में झूमते रहते हैं। आवाज सुनते ही ये दोनों लड़के आए तो रेलवेकर्मी ने कहा कि प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर एक लाश पड़ी है, उठाकर थाने तक पहुंचाओ। जैसे-तैसे इन दोनों ने लाश को स्ट्रैचर पर रखा और ले गए थाने की ओर।
जिम्मेवारी पर झाड़ रहे पल्ला
प्लेटफार्म पर लावारिस लाश उठाने के मुद्दे पर राजकीय रेलवे पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल एक-दूसरे पर जिम्मेवारी डालते हैं। आरपीएफ प्रभारी पीके ओझा कहते हैं कि घायल या शव को उठाने की जिम्मेदारी जीआरपी की होती है। जबकि जीआरपी प्रभारी पूरन सिंह चौहान कहते हैं कि घायल को उपचार के लिए भेजने की जिम्मेदारी आरपीएफ और शव को उठाने की जिम्मेदारी जीआरपी की होती है। स्थानीय अधिकारी भी बस यही कहते हैं कि किसी पर दवाब नहीं डाला जा सकता है। बस किसी तरह जुगाड़ कर के घायल या शव को उठाने की व्यवस्था की जा सकती है।
आए दिन खड़ी हो जाती है परेशानी
वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन की श्रेणी में शामिल मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का आवागमन भी अधिक रहता है। आए दिन यात्री घायल और बीमार होते रहते हैं। डॉक्टर को भी आने में कम से कम 15-20 मिनट का समय लग ही जाता है। लेकिन आए दिन इस तरह की घटना होने के बाद भी रेलवे सतर्क नहीं हो रहा है।