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भागवत ग्रंथ के दर्शन से ही मनुष्य का कल्याण: बापू

By Edited By: Published: Wed, 27 Aug 2014 06:20 PM (IST)Updated: Wed, 27 Aug 2014 06:20 PM (IST)
भागवत ग्रंथ के दर्शन से ही मनुष्य का कल्याण: बापू

मथुरा (वृंदावन): श्री राधाष्टमी के उपलक्ष्य में परिक्रमा मार्ग स्थित आनंद धाम गौड़ीय मठ में भागवताचार्य देवमुरारी बापू ने श्रीमद्भागवत कथा सुनाते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत ग्रंथ भगवान श्रीकृष्ण का प्रत्यक्ष स्वरूप है। इसका सुनना तो महत्वपूर्ण है ही, श्रीमद भागवत ग्रंथ के दर्शन मात्र से ही मनुष्य का कल्याण हो जाता है।

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कथा के पहले दिन देवमुरारी बापू ने मंगला चरण करते हुए कहा कि जिस घर में श्रीमद्भागवत ग्रंथ की पूजा होती है, वहां दरिद्रता का वास नहीं रहता। इस ग्रंथ की महिमा का बखान करते हुये देवमुरारी बापू ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण को प्रणाम करने वाले मानव का पुनर्जन्म नहीं होता। सूत जी ने सोनकादिक 88 हजार ऋषियों को नैमिष्यराण्य में कथा सुनाते हुये कहा था कि भागवत कथा अमृत से भी अधिक मीठी है। इसलिये यह कथा जरूर सुननी चाहिये। इस कथा के समक्ष स्वर्ग का सुख भी कुछ नहीं। स्वयं ब्रह्माजी ने ब्रह्मा लोक में तराजू में तोलकर देखा तो भागवत सुनने के पुण्य का पलड़ा भारी हो गया। जिस मनुष्य ने अपने जीवन में श्रीमद भागवत की कथा नहीं सुनी उसका जीवन पशु के समान है। कथा सुनने वाला पापी मनुष्य भी पुण्यात्मा हो जाता है।


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