पोलिंग बूथ: बस्ते पर पार्टी नहीं सिर्फ प्रत्याशी
जागरण संवाददाता, मथुरा: अरे रुकिए गुप्ता जी। यहां आइए। देखिए हमें घर पर तो आप मिले नहीं। इसीलिए यहां ही आपको बता दे रहे हैं। हमारे चुनाव चिन्ह....का ही बटन दबाइएगा। मतदान केंद्रों पर अब तक ऐसा ही नजारा आम होता था। मगर इस बार गुप्ता जी क्या किसी वोटर को किसी प्रत्याशी के समर्थक मतदान केंद्र पर रोक नहीं सकेंगे। पोलिंग बूथ पर प्रत्याशियों के समर्थकों की भीड़ भी नजर नहीं आएगी। आयोग की सख्ती से इस बार बूथों का नजारा बदला हुआ नजर आएगा।
प्रदेश के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी रमाकांत पांडेय के आदेश के मुताबिक इस बार प्रत्याशी के पोलिंग एजेंट पोलिंग बूथों पर भीड़ नहीं लगा सकेंगे। प्रत्याशियों के बस्तों के लिए सिर्फ एक मेज और दो कुर्सी ही मान्य होंगी। बस्ते पर साढ़े चार गुणा तीन फीट का प्रत्याशी का एक बैनर ही लगाया जा सकेगा। एडीएम फाइनेंस धीरेंद्र सचान ने बताया कि इन बस्तों पर किसी भी पार्टी का प्रतीक रंग, नारे आदि मान्य नहीं होंगे। सिर्फ प्रत्याशी का फोटो, नाम और उसका प्रतीक बैनर पर लिखा जा सकेगा। प्रत्याशी के समर्थक बस्तों पर भीड़ के रुप में खड़े भी नहीं हो सकेंगे।
नहीं चलेगी प्रत्याशी की टोपी
मतदान के दौरान पोलिंग बूथ के अंदर किसी पार्टी या प्रत्याशी का नाम लिखी टोपी, किसी पार्टी के रंग को प्रदर्शित करती शॉल और किसी पार्टी के प्रचार की कोई भी वस्तु मान्य नहीं होगी।
450 पीठासीन अधिकारी बदले
मथुरा: लोकसभा चुनाव के लिए बनाए गए पीठासीन अधिकारियों में 450 पीठासीन अधिकारी बदल गये हैं। इस बदलाव के तहत इन कर्मियों को मतदान अधिकारी प्रथम बनाया गया है। वहीं इनके स्थान पर दूसरे लोगों को पीठासीन अधिकारी बनाया गया है।
विगत में माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्य और प्रवक्ताओं के साथ ही बैंकों के अधिकारियों को मतदान अधिकारी प्रथम बना दिया गया था। अब इस गड़बड़ी को सुधारा गया है। अब पूर्व माध्यमिक स्कूलों के प्रधानाचार्यो को जहां मतदान अधिकारी प्रथम बनाया गया है, वहीं माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्य और प्रवक्ताओं के साथ ही बैंकों के अधिकारियों को पीठासीन अधिकारी बनाया गया है।