सहूलियतों के ढेर, फिर भी चुनाव ड्यूटी से परहेज
जागरण संवाददाता, मथुरा: महिलाओं को सरकारी नौकरी में तो भागीदारी चाहिए, लेकिन लोकसभा चुनाव की ड्यूटी करने से परहेज। ड्यूटी से बचने के लिये अपने छोटे बच्चों का बहाना। बुधवार को भी अनेक महिला शिक्षक ड्यूटी कटवाने के उद्देश्य से अपने बच्चों के साथ सीडीओ कार्यालय के बाहर डेरा जमाए रहीं।
सीडीओ कार्यालय के कर्मियों से किसी महिला ने अपनी डिलीवरी डेट का बहाना बनाया, तो किसी ने कहा कि घर पर बच्चे अकेले कैसे रहेंगे? किसी ने मेडिकल रिपोर्ट दिखाते हुए बताया कि उन्हें सांस की बीमारी है और डॉक्टर ने अधिक दौड़-भाग न करने की सलाह दी है तो किसी ने अन्य तर्क दिया।
इतनी सहूलियत फिर क्यों भयभीत?
जिन महिला कर्मियों की ड्यूटी चुनाव में लगी है, उन्हें काफी सहूलियत मिलेगी। मसलन-पुरुष कर्मचारी अपनी ड्यूटी वाले मतदेय केंद्रों पर जहां एक दिन पहले रवाना हो जाएंगे, वहीं महिला कर्मियों को अपने मतदेय केंद्रों पर ड्यूटी वाले दिन प्रात: छह बजे तक जाना है। शाम को भी मतदान समाप्ति के तुरंत बाद घर निकल जाने की अनुमति है। महिला कर्मियों की ड्यूटी ग्रामीण इलाकों के बजाय शहरी इलाकों व इसके आसपास के मतदेय केंद्रों पर ही लगायी जाएगी।
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जिन महिलाओं की लोकसभा चुनाव में ड्यूटी लगी है, उन्हें अपने इस कर्तव्य का निर्वहन करना पड़ेगा। अब किसी महिला की ड्यूटी नहीं कटेगी।
दुर्गा शक्ति नागपाल, सीडीओ।