दो एसओ निलंबित, एसडीएम हटाए
जागरण संवाददाता, मैनपुरी: औंछा थाना क्षेत्र के भगवंतपुर में मतदान के दिन ग्रामीणों पर पुलिसिया कहर क
जागरण संवाददाता, मैनपुरी: औंछा थाना क्षेत्र के भगवंतपुर में मतदान के दिन ग्रामीणों पर पुलिसिया कहर के मामले में आठ दिन बाद प्रशासन ने कार्रवाई कर दी। चुनाव आयोग की अनुमति के बाद घिरोर और औंछा के थानाध्यक्षौे सहित तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। एसडीएम घिरोर को भी हटा दिया है। पुलिस की निर्मम पिटाई के शिकार अधिवक्ता की शिकायत की जांच संयुक्त रूप से एडीएम और एएसपी को सौंपी है।
19 फरवरी को भगवंतपुर पो¨लग बूथ पर मतदान के बाद वोट डालने को लेकर ग्रामीणों और पुलिस मे विवाद हो गया था। ग्रामीणों ने एसडीएम घिरोर मनोज कुमार सागर और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया था। पथराव से पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे। आरोप है कि बाद में पुलिस ने भी गांव में जमकर तांडव मचाया। घरों में घुसकर ग्रामीणो की पिटाई की, बल्कि घरों में तोड़फोड़ की। भगवंतपुर निवासी अधिवक्ता जगपाल ¨सह यादव, घिरोर तहसील में तैनात लेखपाल उदयवीर ¨सह यादव समेत दस लोगों को मौके से गिरफ्तार भी कर लिया गया था। अधिवक्ता को अंतरिम जमानत मिल गई, जबकि लेखपाल समेत नौ लोगों को जेल भेज दिया गया। अधिवक्ता जगपाल यादव की पिटाई को लेकर अधिवक्ता आंदोलित हैं, घिरोर तहसील के लेखपाल भी बेमियादी हड़ताल पर चले गए। पुलिस ने दस नामजद समेत 35 अज्ञात के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज की।
अधिवक्ता और लेखपाल पुलिसिया तांडव की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई पर अड़े हैं। रविवार को प्रशासन बैकफुट पर आ गया। निर्वाचन आयोग से अनुमति के बाद जिलाधिकारी चंद्रपाल ¨सह और पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सक्सेना ने इस मामले में कार्रवाई की। एसडीएम घिरोर मनोज कुमार सागर का स्थानांतरण कर उनके स्थान पर शैलेंद्र कुमार भाटिया की तैनाती की है। थानाध्यक्ष घिरोर जितेंद्र ¨सह, एसओ औंछा सुशील कुमार के साथ ही औंछा थाने के सिपाही तुलसीराम को निलंबित कर दिया गया है।
अधिवक्ता जगपाल यादव ने एसडीएम और दोनों थानाध्यक्षों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने को तहरीर दी थी। इस पर एडीएम अशोक श्रीवास्तव और एएसपीशिष्यपाल सिंह को संयुक्त रूप से जांच कर वांछित कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। मामले की विवेचना भी औंछा थाने से स्थानांतरित कर शहर कोतवाली कर दी गई। विवेचना सीओ सिटी राजेश चौधरी के पर्यवेक्षण में की जाएगी। जेल भेजे गए लेखपाल उदयवीर ¨सह यादव के खिलाफ पुलिस को कोई सुबूत नहीं मिले हैं। एएसपी शिष्यपाल ¨सह ने बताया कि दोनों थानाध्यक्षों को निलंबित कर जांच शुरू कर दी गई है।