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बूचड़खाने पर पुलिस ने लगाया ताला

जागरण संवाददाता, मैनपुरी : शहर के आगरा रोड पर संचालित अवैध बूचड़खाने पर शनिवार को प्रशासन ने कार्रवाई

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Mar 2017 07:44 PM (IST)Updated: Sat, 25 Mar 2017 07:44 PM (IST)
बूचड़खाने पर पुलिस ने लगाया ताला
बूचड़खाने पर पुलिस ने लगाया ताला

जागरण संवाददाता, मैनपुरी : शहर के आगरा रोड पर संचालित अवैध बूचड़खाने पर शनिवार को प्रशासन ने कार्रवाई की। पुलिस के साथ पहुंची पालिका की टीम की छापेमारी से हड़बड़ाए कारीगर वहां से फरार हो गए। आबादी क्षेत्र में संचालित बूचड़खाने के खिलाफ देर से कार्रवाई किए जाने से भड़के लोगों ने नारेबाजी की। जांच टीम व पुलिस कर्मियों के साथ भी खूब नोक-झोंक हुई। संचालक द्वारा दिखाए गए लाइसेंस को संदिग्ध होने पर पालिका प्रशासन ने जब्त कर जांच के लिए आलाधिकारियों के पास भेजा है। शहर में आगरा रोड पर नवीन मंडी के सामने राजपूत नगर में करीब 200 मकान बने हैं। आबादी के बीच में शाजिद अली ने काफी बडे़ क्षेत्रफल में न्यू केजीएन ट्रेडर्स के नाम से बूचड़खाना खोल रखा था। कई वर्षों से यहां एक ही परिसर के अंदर सभी प्रकार के जानवरों का वध कर उनका मांस बेचा जाता था।

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शनिवार को पुलिस कर्मियों की टीम के साथ पालिका प्रशासन के जिम्मेदारों ने अचानक दोपहर में छापा मारा। यहां बडे़ पैमाने पर मुर्गियां, विभिन्न प्रकार की मछलियां मिलीं। छापेमारी की खबर मिलते ही मुहल्ले के लोगों की भीड़ भी जमा हो गई। लोगों ने टीम के सदस्यों पर अपना गुस्सा उतारते हुए आरोप लगाया कि इससे पहले शिकायत पर कार्रवाई नहीं कराई गई। संचालक शाजिद अली द्वारा दिखाए गए लाइसेंस को संदिग्ध पाए जाने पर फिलहाल जब्त कर लिया गया। इंस्पेक्टर कोतवाली लक्ष्मण ¨सह ने बताया कि बूचड़खाने पर कार्रवाई की गई है। उसे काफी दिनों से बंद बताया जा रहा है। संचालक को दोबारा बूचड़खाना न खोलने की हिदायत दी गई है।

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किसने लीक कर दी छापेमारी की सूचना

आबादी के बीच संचालित बूचड़खाने की गोपनीय सूचना शनिवार को लोगों द्वारा प्रशासन को दी गई थी। कार्रवाई का पूरा प्लान भी गोपनीय ढंग से तैयार हुआ। लेकिन विभागीय भेदिए ने छापेमारी की सूचना लीक कर दी। स्थिति यह हुई कि टीम पहुंचने से पहले ही बूचड़खाने से मांस की खेप हटाकर पूरे फर्श और आसपास के स्थान की सबमर्सिबल पंपों से धुलाई करा दी गई। स्थानीय लोगों में बबली, चेतना, सियादेवी, राजेश, सुखराम, बबलू का कहना है कि छापेमारी से पहले यहां बडे़ पैमाने पर ¨जदा बकरे बंधे थे। इसके अलावा मांस पड़ा था और नालियों में खून बह रहा था। मगर, छापेमारी के दौरान न तो खून दिखा और न ही मांस के टुकडे़ और ¨जदा बकरे।

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उत्तर प्रदेश सरकार का बोर्ड लगाकर होती थी मांस कटाई

अधिकारी कार्रवाई न करें इसके लिए बूचड़खाने के बाहर और अंदर जगह-जगह पर उत्तर प्रदेश सरकार का लोगो लगाकर होर्डिंग लगवाए गए थे। यहां आने-जाने वालों पर हर पल नजर रखी जा सके, इसके लिए गेट के बाहर और अंदर सीसीटीवी कैमरे लगे थे। विभागीय सूत्रों की मानें, तो एक ही व्यक्ति को अलग-अलग मांस बेचने की अनुमति नहीं दी जा सकती। लेकिन न्यू केएनजी ट्रेडर्स के नाम से संचालित बूचड़खाने में मछली, मुर्गे और बकरों के मांस का बडे़ पैमाने पर कारोबार होता था। खुद शाजिद का कहना है कि उनके यहां से रोजाना मांस का निर्यात भी किया जाता था। परिसर में चाइना के मुर्गे और कछुओं को भी रखा गया था। संचालक शाजिद अली का कहना है कि उनके पास मांस कटाई का लाइसेंस है।


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