डग्गामारों की दबंगई से हांफ गया रोडवेज
जागरण संवाददाता, मैनपुरी: सरकार बदली, सरकारी व्यवस्था बदल गई, लेकिन डग्गमार बसों की दबंगई पर असर नही
जागरण संवाददाता, मैनपुरी: सरकार बदली, सरकारी व्यवस्था बदल गई, लेकिन डग्गमार बसों की दबंगई पर असर नहीं पड़ा। पुलिस कार्रवाई के बाद भी चालक प्राइवेट बसों में रोडवेज के सामने ही सवारियां भर रहे हैं। चालकों की दबंगई से हर माह परिवहन निगम को 60 लाख रुपये की चपत लग रही है।
प्राइवेट बसों की दबंगई पांच साल से जारी है। सूबे में सपा सरकार रही, तो सपा नेताओं को संरक्षण में ये बसें दौड़ती रहीं। रोडवेज बस स्टॉप पर ही प्राइवेट बसों के चालक सवारियां लादते और विरोध पर रोडवेज कर्मियों को पीटते। शोर शराबे पर पुलिस कार्रवाई करती, जो सत्ता के संरक्षण के आगे शांत हो जाती। बस स्टैंड अस्थाई तौर पर आवास विकास कॉलोनी पहुंच गया, तो यहां भी प्राइवेट बसों के चालकों की दबंगई बंद न हुई। नियम है कि रोडवेज बस स्टॉप के एक किमी दायरे में प्राइवेट बसें सवारियां नहीं भरेंगी, लेकिन यहां ये नियम सत्ता के संरक्षण में खूंटी पर टांग दिए गए।
सूबे में सरकार बदली, तो व्यवस्थाएं भी बदल गईं। एक्शन में आई पुलिस ने आनन-फानन में 18 प्राइवेट बसों का चालान कर दिया, लेकिन बस चालक हैं कि मानते ही नहीं हैं। अब बस चालकों ने सवारियां भरने का नया फंडा बना लिया। रोडवेज बस स्टैंड के सामने राधा रमन रोड पर ही इटावा-कुरावली फोरलेन के किनारे प्राइवेट बसों में सवारियां बैठाई जा रही हैं। मैनपुरी से आगरा, इटावा, सैफई, करहल, भोगांव, फर्रुखाबाद, बेवर रूटों पर प्राइवेट बसें फर्राटा भर रही हैं। परिवहन विभाग के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक एमए रिजवी बताते हैं कि प्राइवेट बसों के कारण रोडवेज को प्रति माह लगभग साठ लाख रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। प्राइवेट बसों के कारण रोडवेज बसों के संचालन में बेहद दिक्कत आ रही है।
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कमिश्नर के आने से पहले हटवाईं बसें
शुक्रवार को जिले में मंडलायुक्त चंद्रकांत को आना था। ऐसे में पुलिस डग्गामार वाहनों को लेकर पहले से सतर्क थी। सड़क पर खड़ी बसों को वहां से हटवा दिया गया। बाद में प्राइवेड बसों को आवास विकास कॉलोनी में ही एक स्थान पर खड़ा करा दिया गया।
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यहां भी बना लिया ठिकाना
पुलिस ने कार्रवाई शुरू की है, तो बस चालकों में कुछ खौफ है। ऐसे में कुछ चालक रोडवेज बस स्टैंड के पीछे बीएसएनएल दफ्तर के पास अपनी बसें खड़ी कर रहे हैं, तो कुछ ने दीवानी मोड़ को ठिकाना बना लिया है।
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सुबह अधिक दिक्कत
प्राइवेट बस चालकों की अराजकता सुबह सबसे अधिक रहती है। बस स्टैंड के अंदर से सवारियां बैठाकर प्राइवेट बसों के चालक जाते हैं। ऐसे में रोडवेज बसें खाली खड़ी रहती हैं। विरोध पर रोडवेज कर्मियों से प्राइवेट बस चालकों की कहासुनी भी हो जाती है।
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अब तक दो दर्जन बसों को सीज किया गया है। उन्हें कोतवाली में खड़ा करा लिया गया। प्राइवेट बस चालकों में पुलिस को लेकर खौफ है। अब सड़कों पर भी बसें कम दिखती हैं। राजेश चौधरी, सीओ सिटी।