सरकारी बीज मंहगा, बाजार में सस्ता
मैनपुरी: आलू का बीज बाजार में सस्ता होने के चलते उद्यान विभाग के पास आलू की बिक्री का संकट खड़ा हो
मैनपुरी: आलू का बीज बाजार में सस्ता होने के चलते उद्यान विभाग के पास आलू की बिक्री का संकट खड़ा हो गया है। कीमत अधिक होने के कारण किसान बाजारों का रुख कर रहे हैं। जिससे उद्यान विभाग के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।
जिले में हर वर्ष उद्यान विभाग को किसानों को वितरित करने के लिए उच्च गुणवत्ता का आलू दिया जाता है। जिसके लिए लगभग एक महीने पहले से ही किसानों को पंजीकरण कराना होता है। जिसके बाद आलू आने पर उन्हें वितरण किया जाता है। लेकिन इस बार उद्यान विभाग के पास आलू तो है लेकिन किसानों का टोटा है।
बताते चलें कि जिले को पिछले वर्ष सात सौ कुंतल आलू का आवंटन किया गया था। वहीं किसानों ने एक हजार कुंतल आलू के लिए आवेदन किया था। जिस कारण से लकी ड्रॉ के माध्यम से किसानों को आलू के बीज के लिए चयनित किया गया था। जिसके चलते उद्यान विभाग ने इस बार अधिक आलू की शासन से मांग की थी। शासन ने भी मांग को समझते हुए जिले को एक हजार कुंतल आलू का लक्ष्य दे दिया था। लेकिन इस बार उद्यान विभाग के लिए आलू समस्या बन गया। किसानों ने तो इस बार भी आवेदन में उत्साह दिखाया था। लेकिन जब शासन ने आलू के मूल्य का निर्धारण किया तो किसानों ने हाथ पीछे खींच लिए क्योंकि शासन ने आलू का जो मूल्य निर्धारित किया था वह बाजार भाव से लगभग दोगुना था। वहीं अब उद्यान विभाग ने आलू के बीज के वितरण के लिए पहले आओ, पहले पाओ की योजना बनाई है। जिसके अनुसार कोई भी किसान, भले ही उसने आवेदन किया नहीं हो, लेकिन आलू खरीद सकता है। अब तक केवल 200 कुंतल आलू का ही वितरण विभाग द्वारा किया जा सका है।
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विभाग द्वारा जो आलू का बीज किसानों को दिया जाता है वह शोध के बाद दिया जाता है। जिसकी पैदावार भी अच्छी होती है। जिसके कारण इसका मूल्य अधिक है। वहीं बाजार में मिलने वाले आलू का उत्पादन तुलना में बहुत कम होता है।
सुरेश कुमार, जिला उद्यान अधिकारी, मैनपुरी।