दो गांव खुले में शौचमुक्त घोषित
मैनपुरी: गांवों को खुले में शौचमुक्त करने पर काम शुरू हो गया है। सोमवार को ब्लॉक किशनी के गांव नग
मैनपुरी: गांवों को खुले में शौचमुक्त करने पर काम शुरू हो गया है। सोमवार को ब्लॉक किशनी के गांव नगला खुन्नी और सैदपुर को सोमवार को खुले में शौचमुक्त घोषित कर दिया गया। डीपीआरओ ने दोनों गावों में ग्रामीणों के साथ बैठक की और कहा कि खुले में शौचमुक्त गांव बनाने में ग्रामीणों का विशेष योगदान है। खुले में शौच से कई बीमारियां होती हैं। अब इन बीमारियों से बचा जा सकेगा।
डीपीआरओ नरेश चंद्र ने दोनों गांवों में कहा कि डीएम ने खुले में शौचमुक्त गांवों के लिए 1541 शौचालयों के निर्माण की मंजूरी दी है। यह ऐसे गांव हैं जिन गांवों में कम शौचालय के निर्माण से उन्हें शौचमुक्त घोषित किया जा सकता है। उनमें शौचालय निर्माण कराया जायेगा। ब्लॉक किशनी के नगला खुन्नी और सैदपुर भी शामिल थे। सर्वे में पाया गया कि नगला खुन्नी में 6 और सैदपुर में 7 शौचालयों की और आवश्यकता है। इन गांवों में शौचालयों का निर्माण कराकर खुले में शौचमुक्त घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि खुले में शौच जाने की वर्षों पुरानी प्रथा को समाप्त करने के लिए सभी लोगों को मिलकर काम करना होगा तभी हम इस प्रथा को समाप्त करने में हम सफल हो पाएंगे।
बीडीओ किशनी बीलाल ने कहा कि बहू-बेटियों के मान सम्मान की खातिर और बीमारियों से बचाव को शौचालय का प्रयोग करें। खुले में शौच जाने से बीमारियां फैलती हैं और उसके इलाज पर काफी रुपये खर्च होते हैं। 2 अक्टूबर 2019 तक जिले को खुले में शौचमुक्त घोषित करने का लक्ष्य है।
जिला परियोजना समन्वयक नीरज शर्मा ने नगला खुन्नी में लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया और खुले में शौच प्रथा समाप्त करने के लिए शौचालयों का प्रयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि एक ग्राम मानव मल में बीमारियां फैलाने वाले एक करोड़ वायरस, 10 लाख बैक्टीरिया, 1000 परजीवी सिस्ट और 100 अंडे होते हैं। खुले में शौच जाने से यह वातावरण को दूषित करते हैं। पोलियो, पीलिया, टाइफायड आदि बीमारियां इसी कारण से फैलती हैं।