हवा हो गई ऑटो एंबुलेंस की सेवा
मैनपुरी : सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए पुलिस अधिकारियों ने न
मैनपुरी : सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए पुलिस अधिकारियों ने नई पहल की थी। ऑटो को इमरजेंसी एंबुलेंस का दर्जा देकर इनके चालकों को विशेष सुविधा दी गई थी। महीने भर तक व्यवस्था चौकस रही लेकिन बाद में पूरी योजना धड़ाम हो गई। अब चालकों ने अपना पुराना ढर्रा दोबारा शुरू कर दिया है।
सड़क हादसे में समय पर उपचार न मिलने की वजह से ज्यादातर घायलों की मौत हो जाती है। अब ऐसे हालात न बनें, इसके लिए तत्कालीन सीओ शैलेंद्र लाल ने शहर में संचालित होने वाले ऑटो में से 10 ऑटो को मोबाइल एंबुलेंस बनवाया था। भीड़ में भी ये ऑटो आसानी से पहचान में आ सकें, इसके लिए उन पर इमरजेंसी सेवा के टेप भी चिपकाए थे। चालकों का सत्यापन कराकर उनके नाम भी लिखवाए गए थे।
जिम्मेदारी दी गई थी कि हादसे में घायल होने वाले लोगों को ये ऑटो चालक अपने नजदीकी अस्पताल पहुंचाकर जिम्मेदार नागरिक की फर्ज निभाएंगे। कुछ दिन तो व्यवस्था सही ढंग से चली लेकिन बाद में व्यवस्था धड़ाम हो गई। अब स्थिति यह है कि सभी ऑटो चालकों ने अपने वाहनों पर लगे टेप हटा दिए हैं ताकि उनकी पहचान न हो सके। व्यवस्था का पालन कराने की जिम्मेदारी यातायात विभाग को सौंपी गई थी।
लेकिन, यातायात पुलिस ने भी मनमानी पर कोई विरोध नहीं किया। मोबाइल एंबुलेंस में तब्दील किए गए ऑटो अब दोबारा ईशन नदी तिराहे से डग्गामारी कर रहे हैं। प्रभारी यातायात धर्मपाल ¨सह का कहना है कि ऐसे ऑटो की सूची मौजूद है। सूची से मिलान किया जाएगा। यदि व्यवस्था बिगाड़ने का प्रयास किया गया है तो ऑटो चालकों से इसका जवाब मांगा जाएगा। हम जबरदस्ती तो नहीं कर सकते लेकिन कोशिश करेंगे कि घायलों को अस्पताल पहुंचाने में वे सहयोग करें।